जब दोनों सूर्य अभ्यंतर गली में रहते हैं तब आमने-सामने रहने से पहले सूर्य से दूसरे सूर्य का आपस में अन्तर ९९६४० योजन (३९८४६०००० मील) का रहता है एवं प्रथम गली में स्थित सूर्य का मेरू से अन्तर ४४८२० योजन (१७९२८०००० मील) का रहता है।
अर्थात् १ लाख योजन प्रमाण वाले जम्बूद्वीप में से जम्बूद्वीप सम्बन्धी, दोनों तरफ के सूर्य के गमन क्षेत्र को घटाने से १००००० — १८० ² २ · ९९६४० योजन आता है तथा इसमें मेरू पर्वत का विस्तार घटाकर शेष को आधा करने से मेरू से प्रथम वीथी में स्थित सूर्य का अन्तर निकलता है। · ४४८२० योजन (१७९२८०००० मील) का होता है।