श्रावण मास में जब सूर्य पहली गली में रहता है। उस समय दिन १८ मुहूर्त१ (१४ घंटे २४ मिनट) का एवं रात्रि १२ मुहूर्त (९ घंटे ३६ मिनट) की होती है।
पुन: दिन घटने का क्रम—
जब सूर्य प्रथम गली का परिभ्रमण पूर्ण करके दो योजन प्रमाण अंतराल के मार्ग को उल्लंघन कर दूसरी गली में जाता है तब दूसरे दिन दूसरी गली में जाने पर परिधि का प्रमाण बढ़ जाने से एवं मेरू से सूर्य का अंतराल बढ़ जाने से दो मुहूर्त का ६१वाँ भाग (१ मिनट) दिन घट जाता है एवं रात्रि बढ़ जाती है। इसी तरह प्रतिदिन दो मुहूर्त के ६१वें भाग प्रमाण घटते-घटते मध्यम गली में सूर्य के पहुँचने पर १५ मुहूर्त (१२ घंटे) का दिन एवं १५ मुहूर्त की रात्रि हो जाती है।
तथैव प्रतिदिन २ मुहूर्त के ६१वें भाग घटते-घटते अंतिम गली में पहुँचने पर १२ मुहूर्त (९ घंटे ३६ मिनट) का दिन एवं १८ मुहूर्त (१४ घंटे २४ मिनट) की रात्रि हो जाती है।
जब सूर्य कर्क राशि में आता है तब अभ्यंतर गली में भ्रमण करता है और जब सूर्य मकर राशि में आता है तब बाह्य गली में भ्रमण करता है।
विशेष—श्रावण मास में जब सूर्य प्रथम गली में रहता है तब १८ मुहूर्त का दिन एवं १२ मुहूर्त की रात्रि होती है। वैशाख एवं कार्तिक मास में जब सूर्य बीचों-बीच
१. ४८ मिनट का १ मुहूर्त होता है अत: १८ मुहूर्त को ४८ मिनट से गुणा करके ६० मिनट का भाग
देने पर—१८ ² ४८ · ८६४ मिनट ´ ६० · १४ अर्थात् १४ घण्टे २४ मिनट होते हैं।
की गली में रहता है तब दिन एवं रात्रि १५-१५ मुहूर्त (१२ घण्टे) के होते हैं।
तथैव माघ मास में सूर्य जब अंतिम गली में रहता है तब १२ मुहूर्त का दिन एवं १८ मुहूर्त की रात्रि होती है।