जब सूर्य एक पथ से दूसरे पथ में प्रवेश करता है तब मध्य के अन्तराल २ योजन (८००० मील) को पार करते हुये ही जाता है। अतएव इस निमित्त से १ दिन में १ मुहूर्त की वृद्धि होने से १ मास में ३० मुहूर्त (१ अहोरात्र) की वृद्धि होती है। अर्थात् यदि १ पथ के लांघने में दिन का इकसठवाँ भाग उपलब्ध होता है तो १८४ पथों के १८३ अंतरालों को लांघने में कितना समय लगेगा— ² १८३ ´ १ · ३ दिन तथा २ सूर्य सम्बन्धी ६ दिन हुये।
इस प्रकार प्रतिदिन १ मुहूर्त (४८ मिनट) की वृद्धि होने से १ मास में १ दिन तथा १ वर्ष में १२ दिन की वृद्धि हुई एवं इसी क्रम से २ वर्ष में २४ दिन तथा ढाई वर्ष में ३० दिन (१ मास) की वृद्धि होती है तथा ५ वर्ष (१ युग) में २ मास अधिक हो जाते हैं।