नाम एवं पता | श्री 1008 नेमिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, सालेड़ा पो. सालेड़ा, (भीण्डर), त. वल्लभ नगर, जिला- उदयपुर (राजस्थान) 313608 |
टेलीफोन | 081074 28195 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – 2, हाल – 1 ( यात्री क्षमता 3),कमरे (बिना बाथरूम) – 7 गेस्ट हाऊस – x
यात्री ठहराने की कुल क्षमता 50, भोजनशाला निर्माणाधीन अन्य : क्षेत्र से 8 कि.मी. दूर स्थित भीण्डर कस्बा है, जहां पर ध्यान डूंगरी अतिशय क्षेत्र पर एक विशाल धर्मशाला एवं 16 कमरे (अटैच बाथरूम) है, जहाँ पर 500 यात्री ठहर सकते है। |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : भीण्डर (मावली-बड़ीसादडी लाइन पर)
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : भीण्डर (सालेड़ा से 8 कि.मी.) उदयपुर से भीण्डर – 70 कि.मी., भीण्डर से सालेड़ा-8 कि.मी. भीण्डर से सालेड़ा दिन में तीन बार प्राईवेट बसें जाती हैं एवं वापस आती है। भीण्डर से टैक्सी लेकर भी आया जा सकता है। |
निकटतम प्रमुख नगर | भीण्डर-8 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री 1008 नेमिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, प्रबंध कमेटी, सालेड़ा
अध्यक्ष : श्री अम्बालाल कंठालिया (02957-250309, 09950975855) मंत्री : श्री रोशनलाल आवोत (0294-2410813, 09414352746) प्रबन्धक : श्री सूरजमल बोहरा (02957-250457, 09887690901) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01
क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र पर लगभग 800 वर्ष प्राचीन पद्मासन प्रतिमाएं विराजमान है, जिनके वि.सं. 2055 में भूगर्भ से प्रकट होने पर भव्य जिनालय का निर्माण कराया गया, जिनालय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा 25 फरवरी 2007 को सम्पन्न हुई। क्षेत्र पर देवकृत अतिशय होने से श्रद्धालुजनों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है एवं ऊपरी बाधाएं भी दूर होती है। क्षेत्र पर पुराने नागराज रहते है, जो कई बार नजर आते है जिस जिनालय की यह प्रतिमाएं है वह जिनालय जीर्णशीर्ण अवस्था में प्रतिमा रहित होने से ग्रामवासियों ने उनके आराध्य देव को सन् 1971 में विराजमान कर जीर्णोद्धार करा • दिया। शिलालेखों के आधार पर अभी भी इस ग्राम में 19 प्रतिमाएं भूगर्भ में है, जो उचित समय आने पर प्रकट हो सकती है। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | ध्यान डूंगरी अतिशय क्षेत्र भीण्डर-8 कि. मी., अडिन्दा पार्श्वनाथ – 35 कि.मी. किर्ती स्तम्भ चित्तौड़गढ़- 60 कि.मी., शांतीनाथ (बमोतर) प्रतापगढ़- 100 कि.मी. |