दिल्ली के हृदयस्थल चाँदनी चौक में लालकिले के सामने जैनों का प्रसिद्ध लाल मंदिर है। इसका निर्माण १७ वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में शाहजहाँ के शासनकाल में हुआ था। यह मंदिर लाल पत्थरों से निर्मित है और अपनी सुन्दरता के लिए विख्यात है। इसका दूसरा नाम उर्दू मंदिर (उर्दू का अर्थ सेना की छावनी है) या लश्करी मंदिर भी था, क्योंकि वह शाही सेना के जैन सैनिकों एवं अन्य राजकर्मियों को पूजा-अर्चना के लिए उनकी प्रार्थना पर सम्राट् के प्रश्रय में उनकी अनुमतिपूर्वक बना था।जैनों की संख्या टी. के. चौपड़े (जैन आणि—हिन्दु) के अनुसार—ईसा पूर्व १००० वर्ष में ४० करोड़ जैन थे।
ईसा पूर्व ५००/६०० में २५ करोड़ जैन थे। सन् ८१५ सम्राट् अमोघवर्ष के काल में २० करोड़ जैन थे। सन् ११७३ महाराजा कुमारपाल के काल में १२ करोड़ तथा ई. सन् १५५६ अकबर बादशाह काल में ४ करोड़ थे।