असंख्यात द्वीप—समुद्रों के बीचों बीच एक लाख योजन के विस्तार वाला जम्बूद्वीप है। इसके मध्य में सुमेरु पर्वत है तथा अनेक अकृत्रिम जिनालय, पर्वत, विदेह क्षेत्र, नदियाँ, तालाब, नगरादि भी इस द्वीप में हैं। जिनका वर्णन विस्तार से जैनागमों / शास्त्रों में मिलता है। आगमानुसार उनकी संक्षिप्त प्रतिकृति की रचना पूज्य गणिनी आर्यिका ज्ञानमति माताजी के निर्देशन में की गई।हस्तिनापुर में स्थित जम्बूद्वीप विश्व की अद्वितीय रचना है। ३०० फुट व्यास में निर्मित जम्बूद्वीप के बीचों बीच १०१ फुट ऊँचा सुमेरु पर्वत अति सुन्दर है।