जबलपुर म. प्र. ) के तिलवारा घाट में प्रतिभास्थली, दयोदय तीर्थ का शिलान्यास18फरवरी,2005जून, में श्रमण परम्परा के आदर्श संत आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज ससंघ [2006] को शुभारम्भ हुआ एक गौरवशाली संस्थान का।
प्रतिभास्थली की सभी 64 शिक्षिकाएं बालब्रह्मचारिणी व्रती बहनें हैं, जिनके आदर्श जीवन से ही बालिकाओं का जीवन आदर्श शिक्षा से समन्वित होता है।
आदर्श शिक्षिकाओं के निर्माण में पूज्य आर्यिका श्री 105 आदर्शमती माताजी की छांव एवं फलदायिनी शिक्षा व संस्कार है ।
प्रतिभास्थली गुरुकुल परम्परा पर आधारित पूर्णतः आवासीय कन्या विद्यालय है। यहां पर अध्ययनरत बालिकाओं का जीवन आदर्श समाज व राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर रहा है।
यहाँ की शिक्षा आचार्य श्री द्वारा निर्देशित सात आधार स्तम्भों पर आधारित है।
यहाँ की विशेषताएँ- स्वस्थ सुरम्य प्राकृतिक वातावरण, शुद्ध सात्विक भोजन, सुरक्षित कैम्पस, आधुनिक दृश्य-श्रव्य सामग्री, जैन सिद्धान्त का शिक्षण, भारतीय संगीत, नृत्य,वादन यंत्र,योग, खेलकूद, कम्प्यूटर, सेवा-वैय्यावृत्ति के संस्कार आदि सभी विधाओं में प्रवीणता।
वर्तमान में कक्षा – 4 से 12 तक की 405 बालिकायें (C.B.S.अंग्रेजी हिंदी माध्यम में अध्ययनरत हैं।
हित का सृजन, अहित का विसर्जन यही शिक्षा का लक्षण हैं।