[[श्रेणी:शब्दकोष]]
नियमसार प्राभृत – Niyamsara prabhrta.
A commentary treatise in sanskrit-Hindi writ-
ten by Pujya Ganini Shri Gyanmati Mataji on
Niyamsar Grantha.
नियमसार की प्राकृत गाथाओं पर पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा ई॰ सन् 1984-85 में रचित “स्याद्वाद चंद्रिका” नामक संस्कृत एवं हिंदी टीका से समन्वित एक ग्रन्थ ” इस ग्रन्थ पर पं॰ शिवचरनलाल जैन-मैनपुरी (उ॰प्र॰) द्वारावृहत्काय शोध प्रबंध लिखा गया है “