ध्यान के समय अनेक प्रकार के आसन का प्रयोग किया जाता है। आसन के कई भेद है- पर्यंकासन, अद्र्धपर्यंकासन, वज्रासन, वीरासन, सुखासन, कमलासन, कायोत्सर्ग ये ध्यान के योग्य आसन माने गए है।
जंघा का दूसरी जंघा के मध्य भाग से मिल जाने पर पद्मासन हुआ करता है। इस आसन में बहुत सुख होता है, और समस्त लोक इसे सुगमता से धारण कर सकते है। दोनों जंघाओं को आपस में मिलाकर ऊपर नीचे रखने से वीरासन होता है। कातर पुरूष इसे अधिक देर तक नहीं कर सकते, धीर चीर ही कर सकते है।