जैनधर्म में चौबीस तीर्थंकर होते है उनके शासन देव-देवी होते है। कुन्थुनाथ के शासन यक्ष का नाम गंधर्व यक्ष है। इन्हें रक्षक देव भी कहते है अर्जुन का मित्र व शिष्य था। वनवास के समय सहायवन में दुर्योधन को युद्ध में बांध लिय था। इन्द्रादिको के गायको को गंधर्व कहते है। गंधर्व के दस भेद है- नारद् तुम्बर, वासव, कदम्ब, महास्वर गीतरति, गीतरस और वज्रवान ये दस गंधर्व के भेद है।