उम्र के पड़ावों से सभी को गुजरना है। तब होती है शारीरिक परिवर्तन की दस्तक! और जिंदगी के साथ—साथ शरीर भी जकड़ने लगता है यानी कि दर्द की शुरुआत । इनसे बचाव के लिये यदि नियमित कुछ व्यायाम करें तो फायदा होगा—
(१) आँखों का व्यायाम— आँखें ऊपर, नीचे, दायें—बायें व गोल घुमायें— दोनों दिशा से, एक केन्द्र बिन्दू पर बिना पलक झपकाये देखें । सुबह ठंडे पानी से आँख धोंयें। विटामिन ए युक्त भोजन दूध, पपीता का रस पियें।
(२) चेहरे के व्यायाम— खुलकर हँसें, झुर्रियाँ होने से चेहरा लटक जाता है। पूरा मुँह खोले व बंद करें, मुँह दायें—बायें घुमायें, दाँत पर दाँत रखकर भीचैं, पानी भरकर हिलाये।
(३) गर्दन के व्यायाम— गर्दन में हड्डियों की घिसावट के कारण अक्सर गर्दन में जकड़न, दर्द व झुनझुनी की शिकायत रहती है। अत: नियमित ५—५ बार गर्दन का व्यायाम करें। गर्दन ऊपर—नीचे करें, दायें—बायें करें, गोल घुमायें, दोनों दिशा से दोनों कंधे धीरे—धीरे ऊपर नीचे करें। दो तकिये नहीं लगायें, एक हल्का पतला सा तकिया लगाकर सोयें।
(४) कंधे (शोल्डर) व हाथ के व्यायाम— आर्थराइटिस के कारण अक्सर कंधों में जकड़न होने लगती है। हाथों में झुनझुनी व अंगुलियों में दर्द रहने लगता है। अत: पहले मुठ्ठी बंद करें व खोलें। पंजा ऊपर नीचे करें कोहनी मोड़ें व सीधा करें, दोनों कंधे ऊपर—नीचे करें। कंधे गोल घुमायें। दोनों दिशा में ५ से १० बार नियमित रूप से।
(५) पीठ व कमर के व्यायाम— आस्टियोपोरोसिस होने के कारण अक्सर कमर झुकने लगती है। अत: कमर का व्यायाम अति आवश्यक है इसके लिए भुजंगासन यानी उल्टा लेटकर ऊपर ऊठें तथा पवनमुक्त आसन यानी दोनों पैर पेट की तरफ मोड़कर कुछ देर रूवें व फिर सीधा करें। जमीन पर न सोयें। पलंग पर ही सोयें।
(६) पैरों के व्यायाम — पैरों का पंजा चलायें— ऊपर—नीचे, दायें—बायें व गोल घुमायें, घुटने की कटोरी दबायें, पूरा पैर सीधा रखकर गोल घुमायें उल्टा—सीधा दोनों तरफ। कुर्सी पर बैठ कर पैरों को हिलायें। जमीन पर ना बैठें।