सच तो यह ऋषभदेव प्रतिमा,
जिनधर्म की कीर्ति पताका है।
पूरे भारत का गौरव प्रभु के,
त्याग से आंका जाता है।।
भारत के गौरव में ही हमारा
गौरव सदा समाहित है।
समझो भौतिक संसार में आज भी
धर्म अहिंसा जीवित है।।
महोत्सव के मध्य देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा अपने अधिवेशन भी सम्पन्न किये गये। दिनाँक १७ फरवरी को दक्षिण भारत जैन सभा द्वारा दिव्यावदान समारोह के रूप में अधिवेशन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
इस समारोह में विशेषरूप से पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी के करकमलों में ‘‘विश्वविभूति’’ उपाधि अलंकरण के साथ दक्षिण भारत जैन सभा द्वारा विशाल प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। इसी प्रकार प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के करकमलों में ’’दिव्य ज्योति’’ उपाधि अलंकरण से युक्त प्रशस्ति पत्र तथा पूज्य पीठाधीश कर्मयोगी स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी के करकमलों में ‘‘अभिनव चन्द्रगुप्त’’ की उपाधि अलंकरण से युक्त प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया।
इस अवसर पर दक्षिण भारत जैन सभा द्वारा मूर्ति निर्माण के कार्य में विशिष्ट सहयोगी रहने वाले महामंंत्री डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल एवं मंत्री इंजी. श्री सी आर.पाटिल के करकमलों में ‘‘गुरु आज्ञा शिरोमणि’’ की उपाधि अलंकरण के प्रशस्ति पत्र भेंट किये गये।
साथ ही श्री प्रमोद कुमार कासलीवाल-औरंगाबाद, श्री अनिल कुमार जैन-दिल्ली, श्री नरेश बंसल-गुड़गाँवा, संघपति श्री महावीर प्रसाद जैन-दिल्ली, श्री कमलचंद जैन, खारीबावली-दिल्ली को ‘‘श्रावक रत्नाकर’’ तथा श्री भूषण कासलीवाल-चांदवड़ के करकमलों में ‘‘जैन युवा रत्नाकर’’ के उपाधि अलंकरण से युक्त प्रशस्ति पत्र भेंट करके सभी को तिलक, माल्यार्पण, शॉल, श्रीफल, प्रतीकचिन्ह आदि के साथ सम्मानित किया गया। समस्त कार्यक्रम चतुर्विध संघ की भव्य उपस्थिति में कुशलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर दक्षिण भारत जैन सभा के प्रमुख श्री कल्लप्पण्णा आवाड़े-इचलकरंजी की मुख्य उपस्थिति में अधिवेशन में चेयरमैन श्री सागर जैन चौगुले ने सभा की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की और आम समाज को अपनी गतिविधियों से अवगत कराया।
समस्त कार्यक्रम दक्षिण भारत जैन सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो. डी.ए. पाटिल-जयसिंहपुर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ, जिसमें चेयरमैन-श्री सागर चौगुले, कोषाध्यक्ष-श्री संजय सेठी, महामंत्री-श्री शांतिनाथ नंदगावे, ट्रस्टी-श्री श्रीपाल गंगवाल-गेवराई, सह कोषाध्यक्ष-श्री ए. ए. नेमण्णावर, महिला महामंत्री-सुजाता शाह-पुणे, वीर महिला मण्डल चेयरमैन-सौ. विमला पाटील-जयसिंहपुर, माझी चेयरमैन-सौ. उज्जवला अडमुट्ठे, सेव्रेâट्री-सौ. सुनीता खंजीरे-इचलकरंजी, प्रगति आणि जिनविजय के सहसम्पादक-श्री विजय आवटी, कोल्हापुर बोर्डिंग के चेयरमैन-श्री सुरेश रोटे, सेव्रेâट्री-श्री विजय शेट्टी, वीर सेवा देल के सेव्रेâट्री-श्री शशिकांत राजोबा, वाइस चेयरमैन-श्री भूपाल गिरमल, श्री अजित भंडे, श्री रविन्द्र देवमोरे आदि उपस्थित थे।
दिनाँक २४ फरवरी को भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा का अधिवेशन व सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निर्मल कुमार सेठी, महामंत्री श्री प्रकाशचंद बड़जात्या-चेन्नई, कोषाध्यक्ष-श्री डूंगरमल गंगवाल, संयुक्त महामंत्री-श्री प्रभात टोंग्या, सह सम्पादक-पं. भरत काला-मुम्बई, प्रो. डी. ए. पाटिल-जयसिंहपुर, श्री अजित पाण्ड्या, परम संरक्षिका-महिला महासभा श्रीमती संतोष देवी बड़जात्या, संयुक्त महामंत्री-श्रीमती अंजना पाण्ड्या आदि अनेक वरिष्ठ पदाधिकारीगण मंच पर उपस्थित हुए।
अधिवेशन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। पश्चात् वीर महिला मण्डल की महिलाओं द्वारा मंगलाचरण किया गया। समारोह में विशेषरूप से महासभा ने जैन संस्कृति के उन्नयन हेतु मूर्ति निर्माण एवं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अद्भुत कार्य से प्रभावित होकर पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी को ‘‘सरस्वती स्वरूपा’’ की उपाधि प्रदान करते हुए पूज्य माताजी के करकमलों में प्रशस्ति पत्र भेंट किया और सभी पदाधिकारियों ने उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। पूज्य माताजी को प्रदत्त प्रशस्ति का वाचन महामंत्री श्री प्रकाशचंद बड़जात्या-चेन्नई द्वारा किया गया।
इसी प्रकार प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के करकमलों में ‘‘आर्षमार्गसंरक्षिका’’ उपाधि अलंकरण का प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया तथा कर्मयोगी पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी को ‘‘जैन कुल गौरव’’ की उपाधि प्रदान करके महासभा के पदाधिकारियों ने सम्मान किया। इसी क्रम में मूर्ति निर्माण कमेटी के महामंत्री डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल को महासभा द्वारा ‘‘समाज भूषण’’ की उपाधि प्रदान की गई तथा मंत्री इंजी. श्री सी.आर.पाटिल को ‘‘समाज रत्न’’ की उपाधि से सम्मानित किया गया।
मूर्ति निर्माण एवं महोत्सव के लिए विशेष सहयोग प्रदान करने वाले समिति के अन्य पदाधिकारियों को भी प्रशस्ति पत्र भेंट करके महासभा ने सम्मानित किया, जिसमें श्री प्रमोद कुमार कासलीवाल-औरंगाबाद को ‘‘श्रावक शिरोमणि’’, श्री भूषण कासलीवाल-चांदवड़ को ‘‘ युवारत्न’’, श्री संजय पापड़ीवाल-पैठण को ‘‘युवारत्न’’, श्री श्रीपाल गंगवाल-गेवराई को ‘‘जैन त्यागी सेवा रत्न’’, प्रो. डी. ए.पाटिल-जयिंसहपुर को सम्मान पत्र, श्री सुमेर काला-नासिक को ‘‘समाज रत्न’’, पं. भरत कुमार काला-मुम्बई को ‘‘विद्वत् रत्न’’ एवं डॉ. देवेन्द्र शाह-भोपाल को ‘‘युवा रत्न’’ की उपाधि प्रदान करके सभी को तिलक, माल्यार्पण, प्रशस्ति पत्र, शॉल, श्रीफल व प्रतीकचिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निर्मल कुमार सेठी जी का भी महत्वपूर्ण वक्तव्य हुआ, जिसमें उन्होंने पूज्य माताजी के प्रति विनयांजलि समर्पित करते हुए मूर्ति निर्माण के कार्य को हजारों वर्षों के लिए जैन संस्कृति की अजर-अमरता का मूल आधारभूत बताया।
इसी के साथ उन्होंने जैन पुरातत्त्व संंबंधी विचारों को भी मंच पर प्रगट किया, जिसका सभी ने करतल ध्वनि के साथ सम्मान किया। सभा में प्रकाशचंद जी बड़जात्या, पं. भरत जी काला आदि महानुभावों के वक्तव्य हुए और सभा का संचालन श्री जीवन प्रकाश जैन-हस्तिनापुर द्वारा सम्पन्न किया गया।
६ मार्च को भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का सुन्दर अधिवेशन तथा सम्मान समारोह भी सानंद सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
पश्चात् सप्तम पट्टाचार्य श्री अनेकांतसागर जी महाराज एवं गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के चरणों में तीर्थक्षेत्र कमेटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सरिता एम.के. जैन-चेन्नई द्वारा अघ्र्य समर्पित किया गया।
समारोह में इस अवसर पर तीर्थक्षेत्र कमेटी की नवनिर्वाचित अध्यक्षा के रूप में सर्वप्रथम श्रीमती सरिता एम.के. जैन-चेन्नई का गर्मजोशी के साथ स्वागत सत्कार किया गया। केन्द्रीय अध्यक्षा का सम्मान तीर्थक्षेत्र कमेटी-महाराष्ट्र अंचल के अध्यक्ष श्री प्रमोद कुमार कासलीवाल व उनकी ध.प. सौ. सुनीता कासलीवाल ने किया।
समारोह में इस अवसर पर तीर्थक्षेत्र कमेटी के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारीगण उपस्थित थे, जिसमें राष्ट्रीय महामंत्री श्री संतोष पेंढारी-नागपुर, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष-श्री शिखरचंद पहाड़िया-मुम्बई, वरिष्ठ उपाध्यक्ष-श्री अनिल जमगे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष-श्री नीलम अजमेरा, महाराष्ट्र अंचल महामंत्री-श्री देवेन्द्र काला-जटवाड़ा, महाराष्ट्र अंचल कोषाध्यक्ष-श्री मनोज साहू जी-औरंगाबाद, महाराष्ट्र अंचल उपाध्यक्ष-श्री कमल कासलीवाल-मुम्बई, तमिलनाडु-कर्नाटक-आंध्रा अध्यक्ष-श्री कमल ठोलिया-चेन्नई, सदस्य-श्री नीलेश काला, श्री अनिल जोहरापुरकर, श्री विपिन कासलीवाल, श्री नितिन गंगवाल, श्री प्रकाश सेठी, श्री संतोष काला, श्री ललित पाटनी (अध्यक्ष-खण्डेलवाल दिगम्बर जैन मंदिर, राजाबाजार, औरंगाबाद), श्री केतन ठोले-औरंगाबाद आदि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर शुभारंभ वक्तव्य श्री प्रमोद कुमार कासलीवाल-औरंगाबाद ने प्रस्तुत किया पश्चात् श्री संतोष पेंढारी, श्रीमती सरिता जैन आदि पदाधिकारियों ने तीर्थक्षेत्र कमेटी की गतिविधियाँ एवं विभिन्न तीर्थक्षेत्रों के विकास की आवश्यकताओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। अधिवेशन में जैन बोधक मराठी महिला विशेषांक का विमोचन भी किया गया।
विशेषरूप से तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा इस अवसर पर मांगीतुंगी में निर्मित १०८ पुâट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा के संदर्भ में विभिन्न सम्मान भी किये गये। सर्वप्रथम मूर्ति निर्माण की प्रेरणास्रोत पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी के गुणानुवाद में उन्हें संस्कारों की प्रतिमूर्ति, श्रमण संस्कृति संवर्धिका आदि विभिन्न पदों से विभूषित करते हुए विनयांजलि पत्र भेंट किया गया और सभी पदाधिकारियों ने पूज्य माताजी की तपस्या के प्रति नतमस्तक होते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
कृतज्ञता ज्ञापन में तीर्थक्षेत्र कमेटी के समस्त पदाधिकारियों ने मूर्ति निर्माण एवं महोत्सव की मार्गदर्शिका प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी को भी ज्ञानविभूषण, तीर्थोद्धारिका आदि विभिन्न गौरवमयी पदों से विभूषित करते हुए उनके करकमलों में विनयांजलि पत्र भेंट किया। इसी प्रकार मूर्ति निर्माण एवं महोत्सव के यशस्वी अध्यक्ष पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी को ज्ञान दिवाकर, जैन गणितज्ञ आदि विभिन्न पदों से विभूषित करके उन्हें विनयांजलि पत्र भेंट किया।
सम्मान की शृँखला में मूर्ति निर्माण कमेटी के महामंत्री डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल-पैठण को ‘‘जीवन गौरव सम्मान’’, इंजी. श्री सी. आर. पाटिल को ‘‘जिनधर्म गौरव’’, श्री प्रमोद कुमार कासलीवाल को ‘‘गुण गौरव सम्मान’’ आदि विभिन्न पदाधिकारियों को भी उपाधि अलंकरण के साथ प्रशस्ति पत्र, शॉल, श्रीफल आदि से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर तीर्थक्षेत्र कमेटी के निर्णय अनुसार शेष ढ़ाई वर्षों के लिए नवनिर्वाचित अध्यक्षा बनीं श्रीमती सरिता एम.के. जैन को पूज्य पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी सहित मूर्ति निर्माण कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा विशेष सम्मानित किया गया और तिलक, माल्यार्पण, शॉल के साथ उनके करकमलों में मंगल कलश, प्रतीकचिन्ह, साड़ी आदि भेंट किया। समारोह में इस अवसर पर अनेक विभिन्न कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए।
इसी क्रम में २८ फरवरी को अखिल भारतीय दिगम्बर जैन महिला संगठन की पदाधिकारियों ने ऋषभगिरि पधारकर पूज्य माताजी एवं संघ का सम्मान किया तथा महिला संगठन द्वारा की जा रही विभिन्न धार्मिक व सामाजिक गतिविधियों के संदर्भ में संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सुमन जैन-इंदौर ने अपने विचार व्यक्त किये।
समारोह में इस अवसर पर महिला संगठन की पदाधिकारियों में इंदौर की अध्यक्ष श्रीमती शशिप्रभा लोहाड़िया, महामंत्री-श्रीमती उषा पाटनी, मंत्री-श्रीमती रेखा पतंग्या, कोषाध्यक्ष-श्रीमती उषा बंडी, उपाध्यक्ष-श्रीमती इन्दिरा अजमेरा, श्रीमती तारा जुआं, श्रीमती रेणु गोधा, सांस्कृतिक सचिव-श्रीमती सरिता जैन, सदस्य-श्रीमती मधु सेठी, महु अध्यक्ष-श्रीमती शोभा जैन आदि उपस्थित रहे।
समारोह में महिला संगठन की ओर से पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के प्रति विनयांजलि समर्पित करते हुए सभी पदाधिकारियों ने पूज्य माताजी के करकमलों में ‘‘श्रुत निर्झरिणी’’ उपाधि प्रदान करके उन्हें रजत प्रशस्ति पत्र भेंट किया और पूज्य माताजी के प्रति स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन की मंगल कामना करके जैन संस्कृति के लिए नित्य ही नये-नये विकास कार्य सम्पन्न होने की भावनाएं व्यक्त कीं। इसी प्रकार महिला संगठन द्वारा पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी को ‘‘रत्नत्रय पूर्णा’’ उपाधि भेंट करते हुए उनके करकमलों में प्रशस्ति पत्र भेंट किया तथा पूज्य पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी को ‘‘युग पुरुष’’ उपाधि से विभूषित करके उनका सम्मान किया।
इसी दिन अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद द्वारा भी पूज्य माताजी के करकमलों में साटिका भेंट करके मूर्ति निर्माण के इस महान कार्य की सम्पन्नता पर उनका अभिवादन किया तथा पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के करकमलों में भी साटिका भेंट की।
विशेषरूप से पदाधिकारियों ने युवा परिषद के प्राण एवं पूर्व अध्यक्ष कर्मयोगी पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी का सम्मान करते हुए उनके करकमलों में ‘‘युगपुरुष’’ की उपाधि अलंकरण से युक्त विशाल प्रशस्ति पत्र भेंट किया और युवाओं के आदर्श पूज्य स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जीवन प्रकाश जैन, मंत्री श्री विजय जैन, इंदौर अध्यक्ष श्री सुबोध मारोरा, सांस्कृतिक सचिव-श्री शुभम् जैन, सदस्य-दीपेश जैन, लखनऊ अध्यक्ष श्री शुभचंद जैन आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
दिनाँक १-२-३ मार्च को विद्वत् सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें दिगम्बर जैन समाज के शताधिक विद्वानों एवं दक्षिण भारत उपाध्याय मण्डल के शताधिक उपाध्यायों ने भाग लेकर भगवान ऋषभदेव प्रतिमा का दर्शन-अभिषेक किया व विभिन्न सत्रों में आगम परिप्रेक्ष्य की गोष्ठियाँ करके सम्मेलन को सफल बनाया। इस अवसर पर तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ की कार्यकारिणी बैठक एवं दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर का सम्मेलन भी आयोजित किया गया। जम्बूद्वीप संस्थान के सम्मेलन में संस्थान के अध्यक्ष पूज्य पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी के साथ महामंत्री श्री वैâलाशचंद जैन, करोलबाग-दिल्ली आदि पदाधिकारियों ने भाग लिया। समस्त विद्वत् सम्मेलन डॉ. अनुपम जैन-इंदौर के विशेष परिश्रम से आयोजित किया गया। आगे देखिए विस्तृत रिपोर्ट।