Human life is a gift to us, but we value it out of morality. This is an insult to the gift.
मनुष्य—जीवन हमें पुरस्कार में मिला है, किन्तु हम नैतिक आधारों को छोड़कर इस अमानवीय मूल्यों में आँकते हैं, जो पुरस्कार का तिरस्कार है !