स्टेच्यू ऑफ अहिंसा इसको इसीलिए तो कहा गया।
हाइएस्ट जैन ऑयडॅल इन वर्ल्ड के नाम से निर्मित किया गया।।
इनके पद में वन्दन कर लो तो जन्म तुम्हारा सार्थक हो।
मानवता हो जाएगी सफल हर कदम तुम्हारा सार्थक हो।।
१०८ फुट भगवान ऋषभदेव अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव आशातीत सफलता के साथ सानंद सम्पन्न हुआ। लेकिन इस महान कार्य की सफलता के लिए ऐसे अनेक भक्तों एवं समिति के पदाधिकारियों का महनीय सहयोग रहा, जिनके कारण इस महोत्सव की सुगंधि देश-विदेश में तीव्रता के साथ फैलती गई और आने वाले भक्तों को समस्त सुविधाओं के साथ भरपूर आनंद की प्राप्ति हुई।
महोत्सव समिति अध्यक्ष कर्मयोगी पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समिति के विशिष्ट पदाधिकारियों में स्वागताध्यक्ष श्री जे.के. जैन, पूर्व सांसद-दिल्ली, स्वागताध्यक्ष श्री सुरेश जैन (कुलाधिपति-तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय)-मुरादाबाद एवं महामंत्री डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल-पैठण का साहसिक सहयोग, मनोबल और मार्गदर्शन अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा, जिसके कारण सभी दिशाओं में कार्यों की गतिविधियाँ यथावत आकार लेकर सफलता को प्राप्त हुई। इसके अलावा अन्य विशिष्ट पदाधिकारियों में समिति के कार्याध्यक्ष श्री अनिल कुमार जैन, प्रीतविहार, दिल्ली, कोषाध्यक्ष-श्री प्रमोद कुमार कासलीवाल-औरंगाबाद, मंत्री इंजी. श्री सी. आर. पाटिल-पुणे, मंत्री श्री संजय पापड़ीवाल-पैठण, मंत्री श्री भूषण कासलीवाल-चांदवड़, मंत्री श्री विजय कुमार जैन-जम्बूद्वीप, मंत्री श्री जीवन प्रकाश जैन-जम्बूद्वीप, कार्यालय मंत्री-ब्र. अध्यात्म जैन-जम्बूद्वीप एवं सदस्य श्री चन्द्रशेखर कासलीवाल-चांदवड़ व श्री वर्धमान पाण्डे-चांदवड़ का सतत सहयोग भी इस महोत्सव की सफलता में प्रमुख कारण बना। इनके साथ ही आइये देखते हैं इस विशाल महोत्सव की विभिन्न व्यवस्थाओं को अत्यन्त कुशलता और कड़ी मेहनत के साथ किन व्यक्तित्वों ने संभाला, जिससे यह कार्यक्रम विश्वव्यापी प्रभावना के साथ सफल हुआ –
महामस्तकाभिषेक एवं स्वयंसेवक समिति के अध्यक्ष प्रो. डी. ए.पाटिल-जयसिंहपुर ने सतत १ माह रहकर महोत्सव की विविध व्यवस्थाओं-यथा पाण्डाल व्यवस्था, भोजनशाला व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, महामस्तकाभिषेक व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, साधु-सेवा व्यवस्था, आहार-चौका व्यवस्था आदि को वीर सेवा दल एवं वीर महिला मण्डल के लगभग १००० सदस्यों द्वारा व्यवस्थित संचालित करने में अपना सराहनीय सहयोग प्रदान किया। विशेषरूप से वीर सेवा दल के चेयरमैन श्री अरविंद मजलेकर तथा कार्यवाहक श्री शशिकांत राजोबा के मार्गदर्शन से मुख्य संयोजक-श्री अजित भंडे-मालगांव तथा संयोजकगणों में श्री एन.जे. पाटील-नांद्रे, श्री सुनील पाटील-सांगली, श्री सुकुमार पाटील-मानगांव, श्री अनिल भोकरे-कुम्भोज आदि महानुभावों का सहयोग एवं अनुशासन सक्रिय रहा। इसी प्रकार वीर महिला मण्डल के लिए अध्यक्षा सौ. विमला पाटील-जयसिंहपुर, सेक्रेट्री-सौ. सुनीता खंजिरे-इचलकरंजी व अन्य पदाधिकारियों में सौ. स्नेहलता जगदेव-कोल्हापुर व सौ. कुन्दलता सदलगे-कनवाड़ के नेतृत्व में लगभग ३०० महिलाओं ने अपना समर्पित सहयोग प्रदान किया।
अत्यन्त महत्वपूर्ण व्यवस्था के रूप में जब हम साधु-सेवा समिति की बात करें, तो इस समिति के अध्यक्ष श्री श्रीपाल गंगवाल-गेवराई की निष्काम सेवाओं को भी शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता। लगभग १२५ पिच्छीधारी साधु-संतों का समागम इस महोत्सव में हुआ और सभी साधु-संतों के आगमन से लेकर उनके प्रवास की व्यवस्था तथा आहार, वैयावृत्ति आदि व्यवस्था को सुनियोजित तरीके से सम्पन्न किया। इस व्यवस्था में श्री मुन्नालाल जैन-बड़वानी, श्री मनोज गंगवाल-पिपलिया, पं. पवन जैन-कोटा, श्री जीवंधर चौगुले-भिलवड़ी, श्री चन्द्रकांत सावजी-औरंगाबाद, श्री रमेश कासलीवाल-वालुज का सहयोग सराहनीय रहा। साधु सेवा समिति के कार्यालय संचालन हेतु श्री सुनील पेंढारी-नागपुर, श्री सुधीर आग्रेकर-नागपुर एवं श्री प्रभाकर डाखोरे-नागपुर ने अपना विशेष सहयोग प्रदान किया।
इसके साथ ही विशेषरूप से महिलाओं में सौ. हेमा सेठी-औरंगाबाद ने समस्त साधुओं की आहार व्यवस्था को बहुत कुशलता के साथ निभाया और उनके साथ श्रीमती अर्चना कासलीवाल-चांदवड़, सौ. पुष्पा बड़जाते-औरंगाबाद, संघपति सौ. सुनीता कासलीवाल-औरंगाबाद, सौ. अरुणा पाटनी-औरंगाबाद, श्रीमती चंदा चूड़ीवाल-औरंगाबाद, सौ. अरुणा पाटील-पुणे, सौ. अंजली पापड़ीवाल-औरंगाबाद, सौ. माधुरी पापड़ीवाल-पैठण, सौ. मंगला जैन साहू (जालना वाले)-जम्बूद्वीप, श्रीमती शोभा पाटनी-मालेगांव, श्रीमती अनीला ठोले-औरंगाबाद आदि महिलाओं का सहयोग प्रशंसनीय रहा।
इन्हीं व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण व्यवस्था के रूप में आवास व्यवस्था का सशक्त संचालन करने में मुख्य संयोजक टिकैतनगर निवासी लखनऊ प्रवासी श्री शुभचंद जैन सर्राफ (सोनू) का सहयोग आदर्श एवं सम्मान के योग्य रहा। उन्होंने अपने अवध प्रान्तीय भक्तमण्डल की विशेष टीम के साथ लगभग २५० कर्मचारियों के सहयोग से आवास व्यवस्था को कुशलता के साथ सफल किया और आने वाले लाखों श्रद्धालु भक्तों को ११ फरवरी २०१६ से लगातार अप्रैल-मई माह तक विशेष सेवाएं देकर सभी की व्यवस्थाएं कीं। अत्यन्त धैर्य एवं सौम्य स्वभाव के साथ आपने इस व्यवस्था को संभाला, जिसमें विशेषरूप से संयोजकगणों में श्री पंकज शाह-पुणे, श्री अमरचंद जैन-टिकैतनगर, श्री अतुल जैन-टिकैतनगर, श्री वीर कुमार जैन, लखनऊ, श्री राजेश जैन-गणेशपुर, डॉ. प्रकाश पापड़ीवाल-औरंगाबाद, श्री शैंकी जैन-लखनऊ, श्री अरिंजय जैन-लखनऊ, श्री मुकुल जैन-चिनहट तथा टिकैतनगर से श्री पारस जैन बबुआ, श्री अरुण जैन, श्री निधेश जैन, श्री अर्पित जैन, श्री ऋषभ जैन, श्री सौरभ जैन, श्री विपिन (बबुआ) जैन, श्री नितिन जैन, श्री रिसवंत जैन, श्री आदेश जैन, श्री अमित जैन-गणेशपुर, श्री सुरेश जैन पहाड़े-पनवेल (मुम्बई), दरियाबाद से श्री अर्हंत कुमार जैन, श्री सुविध जैन, श्री चन्द्रानन जैन, श्री पुष्पेन्द्र जैन, श्री ऋषभ जैन, श्री सुमेरचंद जैन-लखनऊ, श्री डी.के. जैन-दिल्ली का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
किसी भी महोत्सव की सफलता के पीछे आवास एवं भोजन की व्यवस्था आधारभूत व्यवस्था मानी जाती है। इसी क्रम में इस महोत्सव की सफलता में भोजन व्यवस्था को कुशलतापूर्वक संभालने में समिति को विभिन्न सामाजिक संगठनों का सहयोग प्राप्त हुआ। आने वाले सभी भक्तों को सुचारू एवं सुविधापूर्वक भोजन प्राप्त हो सके, इसके लिए समिति ने ९ भोजनशालाओं का निर्माण किया, जिसमें प्रमुख पात्र भोजनालय, इन्द्र-इन्द्राणी भोजनालय (दो), सभी भक्तों के लिए चक्रवर्ती भोजनालय, त्यागीव्रतियों के लिए प्रतिमाधारी भोजनालय, विशिष्ट अतिथि भोजनालय, अतिविशिष्ट अतिथि भोजनालय, आने वाले समस्त ग्रामवासियों के लिए महाप्रसाद भोजनालय, कार्यकर्ताओं तथा यात्रियों के लिए ऋषभदेव भोजनालय एवं वीर सेवा दल के स्वयंसेवकों हेतु स्वयं सेवक भोजनालय, इस प्रकार १० भोजनशालाओं का निर्माण किया गया। इन सभी भोजनशालाओं को सुचारू संभालने के लिए पृथक्-पृथक् सामाजिक संगठनों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इन्द्र-इन्द्राणी भोजनालय के लिए दिगम्बर जैन समाज कोपरगांव के लगभग १०० सदस्यों ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया, जिसमें श्री अजित कुमार लोहाड़े-कोपरगांव ने नेतृत्व करके प्रमुख रूप से श्री दिलीप कुमार अजमेरे, श्री अनिल कुमार काले, श्री विशाल बड़जाते, श्री सुयोग ठोले, श्री रविन्द्र (मुन्ना) पाटनी, श्री संतोष गंगवाल, श्री अनिल कासलीवाल एवं श्री आनंद कुमार पहाड़े आदि के सहयोग से इस व्यवस्था को सानंद सम्पन्न किया।
चक्रवर्ती भोजनालय की व्यवस्था श्री दिगम्बर जैन समाज नांदगांव के लगभग ८० महिला-पुरुष सदस्यों ने मिलकर संभाली। प्रमुखरूप से इस व्यवस्था में श्री आनंद काला, श्री कैलाश काला, श्री फूलचंद लोहाड़े, श्री संतोष लोहाड़े, श्री नीलेश गंगवाल, श्री रोहित लोहाड़े, श्री सिद्धान्त लोहाड़े, श्री वैभव बाकलीवाल, श्री शुभम् कासलीवाल, श्री साहिल सेठी, श्री संतोष जैन व न्यायडुंगरी से श्री शीतल अजमेरा, श्री राहुल पाटनी, श्री अभिषेक पाटनी आदि के साथ महिलाओं में सौ. आशा गंगवाल, सौ. श्रद्धा गंगवाल, सौ. छाया सेठी, सौ. वनिता जैन, सौ. सरिता जैन, सौ. लता सेठी, सौ. शकुन्तला पाण्डे, सौ. समता लोहाड़े आदि सम्पूर्ण ग्रुप का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
मुख्यरूप से चक्रवर्ती भोजनालय में दिगम्बर जैन समाज धूलिया से भी श्री प्रमोद जैन, श्री किशोर शाह, श्री संतोष ठोलिया, श्री सुनील जैन, श्री संतोष पाटनी आदि महानुभावों का सहयोग रहा, जिससे व्यवस्थाएं सुचारू सफल हुई। धूलिया जैन समाज से ही भोजन व्यवस्था संबंधी स्टोर संभालने के लिए श्री छोटूलाल बड़जाते, श्री संजय जैन एवं श्री किशोर अजमेरा ने गैस सिलेण्डर, राशन, पानी आदि व्यवस्थाओं का आवक-जावक संभाला, जिससे भोजनालय में समस्त सामग्री की व्यवस्था सुचारू बनी रही।
महाप्रसाद भोजनालय के लिए श्री दिगम्बर जैन समाज सटाणा के सक्रिय कार्यकर्ताओं में श्री राजेन्द्र बाकलीवाल, श्री वर्धमान ठोले, श्री मनोज ठोले, श्री कैलाश ठोले, श्री प्रदीप जैन ठोले, श्री जितेन्द्र पहाड़े, श्री सुमित ठोले, श्री रिंकल ठोले, श्री अशोक (राजू) बड़जाते आदि सदस्यों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
विशिष्ट अतिथि भोजनालय एवं कार्यालय व्यवस्था के लिए दिगम्बर जैन समाज मालेगांव कैम्प के भक्तों ने सहयोग दिया, जिसमें श्री अजित पहाड़े, श्री विजय पहाड़े, श्री अशोक पाण्डे, सौ. शशि बड़जाते, श्री संजय गंगवाल, श्री ललित कासलीवाल, श्री अतुल पहाड़े, श्री निश्चल महाजन, श्री दिनेश पाटनी, श्री विनोद बड़जाते, श्री पारस पहाड़े, श्री संतोष लोहाड़े, श्री रवि पाटनी, श्री राजू बड़जाते, श्री निलेश पहाड़े आदि कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। मालेगांव कैम्प के सदस्यों ने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति कार्यालय की व्यवस्था को भी संभालने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रतिमाधारी भोजनालय में श्री मुन्नालाल जैन-बड़वानी ने अपनी सेवाएं देकर भोजनालय की व्यवस्थाओं को सुचारू चलाया। इनके साथ में नागपुर से श्री नीरज पाण्ड्या एवं श्री प्रेमचंद जैन ने भी व्रतियों के लिए भोजन व्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
इस भोजनालय की व्यवस्थाओं में श्री संजय जैन-हस्तिनापुर ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नियमित आपके निर्देशन में यह भोजनालय महोत्सव के समय ही नहीं अपितु उससे पूर्व एवं बाद में भी कुशलता के साथ संचालित होता रहा। यहाँ आने वाले सभी यात्रियों एवं कार्यकर्ताओं ने पूर्ण संतुष्टि के साथ भोजन प्राप्त किया।
महोत्सव की अनेक व्यवस्थाओं के लिए खरीदी गई विभिन्न सामग्रीयों के स्टोर प्रबंधन हेतु तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद के एम.बी.ए. के छात्रोंं ने अपना विशेष योगदान दिया। लगातार एक माह तक १२ छात्रों ने ऋषभगिरि, मांगीतुंगी में रहकर स्टोर व्यवस्था के साथ अन्य प्रबंधकीय कार्यों में योगदान दिया। इस व्यवस्था के लिए सम्माननीय श्री सुरेश जैन कुलाधिपति द्वारा भेजे गये छात्रों में स्टोर व्यवस्था हेतु श्री विपुल जैन, श्री प्रेमनाथ पण्डित, श्री रौनक जैन, श्री ऋषभ जैन ने सहयोग दिया। आवास व्यवस्था हेतु श्री आकाश जैन, श्री श्रेयांस जैन, श्री अंकित जैन, श्री विशाल जैन ने सहयोग दिया तथा आफिस मैनेजमेंट एवं मंच व्यवस्था में श्री कुशल जैन, श्री ऋषभ जैन, श्री अनमोल जैन का सहयोग भी सराहनीय रहा। विशेषरूप से पूज्य पीठाधीश स्वामीजी के साथ प्रात: से लेकर देररात्रि तक श्री राहुल जैन ने अपनी सराहनीय भूमिका निभाकर सेवाएं प्रदान कीं।
महोत्सव की समस्त व्यवस्थाओं में एक प्रमुख व्यवस्था के रूप में आने वाले यात्रियों को अभिषेक करने के लिए पास वितरण करना एवं उनकी दानराशियों के आधार पर मस्तकाभिषेक कलश व अभिषेक के लिए साड़ी, धोती-दुपट्टा वितरित करना, एक महत्वपूर्ण कार्य था।
अत: इस कार्य को अत्यन्त कुशलता एवं आनंद के साथ माणिकबाग ग्रुप (महिला मण्डल), पुणे की प्रमुख सुजाता जी शाह ने सानंद सम्पन्न किया। सुजाता जी के साथ सहयोगियों में धनश्री शाह, सुजाता चांडक, सुवर्णा जमालपुरे, सुजाता भुस, पद्मश्री शाह एवं उज्ज्वला शाह ने महत्वपूर्ण सहयोग देकर लगातार एक महीने तक इस व्यवस्था में अनथक परिश्रम किया और सभी यात्रियों को संतोषजनक सेवाएं प्रदान कीं।
महोत्सव में दिनाँक ११ फरवरी से लेकर लगातार मंच की व्यवस्थाओं को सुसज्जित ढंग से एवं बेहतर प्रबंधन के साथ संभालने हेतु दिगम्बर जैन समाज औरंगाबाद के श्री पवन जी पापड़ीवाल वास्तुशास्त्री के नेतृत्व में २२ कार्यकर्ताओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेषरूप से पवन जी के साथ इन व्यवस्थाओं में श्री अरुण पाटनी, श्री प्रकाश कासलीवाल, श्री ललित पापड़ीवाल, श्री राजेन्द्र पाटणी, श्री प्रकाश अजमेरा एवं डॉ. देवेन्द्र जैन-भोपाल आदि समस्त कार्यकर्ताओं ने अपनी प्रशंसनीय भूमिका निभाई।
महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं विद्वत्त सम्मेलन आदि का आयोजन भी अत्यन्त शालीनता के साथ सम्पन्न हुआ। अत: समस्त सम्मेलनों के संयोजन हेतु, सम्मेलन व्यवस्था अध्यक्ष के रूप में डॉ. अनुपम जैन-इंदौर ने अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया और सभी सम्मेलन सानंद सफल हुए। इसी के साथ सम्पूर्ण महोत्सव में मंचीय कार्यक्रमों की व्यवस्था के अनुरूप मंच का कुशल संचालन भी डॉ. अनुपम जैन-इंदौर, श्री जीवन प्रकाश जैन-हस्तिनापुर व प्रतिष्ठाचार्य श्री विजय जैन-हस्तिनापुर ने करके सहयोग प्रदान किया।
महोत्सव शुभारंभ से पूर्व समूचे परिसर में सुचारू जल सुविधा हेतु पाइप लाइन एवं विद्युत सुविधा हेतु बिजली की लाइन के प्रबंधन में सरकारी इंजीनियर्स के साथ समिति की ओर से जैन इंजीनियर्स सोसायटी, इंदौर का विशेष सहयोग रहा। इनमें विशेषरूप से इंजी. श्री राजेन्द्र सिंह जैन, इंजी. श्री महेन्द्र पहाड़िया, इंजी. श्री निकेतन सेठी, इंजी. श्री एस.के. जैन लोहाड़िया, इंजी. श्री अभय जैन बड़जात्या, इंजी. श्री राजेश जैन (गुना वाले), इंजी. श्री चेतन ठोले-औरंगाबाद आदि ने अपना समय देकर सराहनीय सेवाएं दीं।
विशेषरूप से सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इंजी. श्री आशीष जैन एवं श्री विनय जैन, मानतुंगगिरि-धार का भी सहयोग प्रशंसा के योग्य रहा।
महोत्सव में लिफ्ट एवं सीढ़ी निर्माण एक महत्वपूर्ण व्यवस्था थी, जिसके माध्यम से लाखों श्रद्धालु भक्तों, बुजुर्गों एवं असशक्त बंधुओं ने विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा के दर्शन एवं अभिषेक का पुण्य अर्जित किया। अत: ऐसे महत्वपूर्ण एवं श्रमसाध्य कार्य के लिए इंजी. श्री महावीर पाटनी-नासिक ने अत्यन्त परिश्रम के साथ अपनी सेवाएं प्रदान कीं और समय पर लिफ्ट और सीढ़ी का निर्माण होकर महोत्सव की सफलता में विशेष निमित्त बना।
महोत्सव में यात्रियों को पार्किग से लेकर यथास्थान कॉलोनी तक पहुँचने के लिए समिति द्वारा लगभग १२० गाड़ियाँ प्रतिदिन दिन और रात्रि में निर्धारित की गई, जिनके माध्यम से भक्तों को ३ किमी. दूर पार्किग से अपनी कॉलोनी तक पहुँचने के लिए सुविधाएं प्राप्त हुई। इसके साथ ही महोत्सव में आने-जाने वाले यात्रियों को विभिन्न रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट तक पहुँचने के लिए समिति द्वारा टैक्सी सुविधा की व्यवस्था भी करवाई गई, जिसके लिए श्री शुभचंद जैन (सोनू), श्री राजन जैन-टिकैतनगर, श्री प्रवीण बिलाला-अकोला, श्री धीरेन्द्र जैन, राजाबाजार, दिल्ली, श्री सुधीर जैन बज-कोपरगांव, श्री अनंत जैन बज-कोपरगांव, श्री अतुल जैन-टिकैतनगर व श्री मनोज जैन-नेपालगंज का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
महोत्सव में एकाउण्ट्स संबंधी विभिन्न गतिविधियों एवं लेखा-जोखा सुव्यवस्थित रखने हेतु विशेषरूप से कार्यालय मंत्री ब्र. अध्यात्म जैन के निर्देशन में अनेक भक्तों ने अपना सहयोग प्रदान किया। मुख्यरूप से संघपति श्री प्रमोद कुमार कासलीवाल की सुपुत्रियाँ कु. नमिता जैन एवं कु. अंकिता जैन-औरंगाबाद ने सम्पूर्ण कार्यभार अत्यन्त सुव्यवस्थित ढंग से संभाला।
इनके साथ ही कु. नम्रता पाटनी-फुलंब्री, कु. दीपिका पाटनी-फुलंब्री, कु. गौरी जैन-सटाणा, कु. अंजना जैन-बड़वानी, ब्र. नवनीत गंगवाल-मुम्बई, ब्र. संजय गंगवाल-मुम्बई, श्री विजय पाटोदी-हैदराबाद, श्री ओमप्रकाश जैन-हरिद्वार, श्री अम्यु जैन-मेरठ, श्री चिरंजीलाल कासलीवाल-पटना, श्री सुरेशचंद जैन-खण्डवा, श्री सुभाषचंद जैन साहू (जालना वाले)-जम्बूद्वीप आदि का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।
महोत्सव में विभिन्न सामग्रियों की आवश्यकता पर समुचित रूप से उपभोग के अनुसार खरीदी करना तथा उसके यथायोग्य लेखा-जोखा रखने में सेवाएं देने हेतु श्री कस्तूरचंद बड़जाते-औरंगाबाद, श्री जितेन्द्र छाबड़ा-वाशिम, श्री अनिल जैन-औरंगाबाद तथा श्री केतन ठोले-औरंगाबाद ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
विशेषरूप से महामस्तकाभिषेक के मध्य व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान करने हेतु श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन युवा मण्डल, पर्वत पाटिया-सूरत के लगभग २५ कार्यकर्ताओं का भी विशेष सहयोग रहा। गुजरात एवं दमनदीव प्रान्तीय महोत्सव समिति अध्यक्ष श्री संजय जैन दीवान-सूरत के निर्देशन में श्री अनिल लोणदिया, श्री जितेन्द्र बड़जात्या (पचार), श्री नवीन काला, श्री अमित कासलीवाल-सूरत आदि समस्त बंधुओं ने अपनी कुशल सेवाएं प्रदान कीं। युवा मण्डल द्वारा जुलूस व्यवस्थाओं के लिए भी सहयोग प्रदान किया गया।
महोत्सव में यात्रियों को किसी भी प्रकार के चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार की आवश्यकता हुई, तो डॉ. सचिन जैन-मालेगांव का सहयोग अत्यन्त सराहनीय रहा। उन्होंने दिन-रात २४ घंटे प्रत्यक्ष उपस्थित रहकर अपने ज्ञान का सदुपयोग यात्रियों की सेवा के लिए किया।
महोत्सव में हुई विभिन्न आकर्षक गतिविधियों को प्रचार-प्रसार के माध्यम से दैनिक अखबारों अथवा टी.वी. चैनल के द्वारा जन-जन में पहुँचाने हेतु नासिक के सम्माननीय श्री सुमेर काला, सौ. सुवर्णा काला, श्री पारस लोहाड़े, श्री राजेन्द्र पहाड़े तथा चांदवड़ के श्री वर्धमान पाण्डे आदि का विशेष सहयोग रहा। इस टीम के माध्यम से मोक्षकल्याणक के उपरांत १७ फरवरी को सायंकाल भगवान ऋषभदेव की प्रथम महाआरती का आयोजन भी किया गया, जिसमें ५००१ दीपकों से भगवान की आरती करके भक्तों ने एक विशेष रिकार्ड बनाया। यह रिकॉर्ड ‘‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’’ में दर्ज किया गया, जिसका प्रमाणपत्र स्वयं गोल्डन बुक के अधिकारियों ने पूज्य स्वामीजी के करकमलों में भेंट किया।
महोत्सव के मध्य प्रतिदिन रात्रि में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संयोजन हेतु श्री पंकज शाह-पुणे, सुमन सेठी-बैंगलोर एवं सौ. सुवर्णा पाटनी-गजपंथा का विशेष सहयोग रहा। साथ ही विशेषरूप से आमंत्रित किये गये सौ. साधना मादावत-इंदौर तथा श्री प्रदीप छाबड़ा-खण्डवा ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंच संचालन भी कुशलता के साथ सम्पन्न किया।
महोत्सव में यात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने हेतु मात्र १/-रु. में चाय तथा २/-रु. में पोहा की अन्नवूâट व्यवस्था इंदौर के झांझरी परिवार द्वारा की गई। १३ फरवरी से सतत २१ फरवरी तक इस व्यवस्था का लाभ देश के लाखों यात्रियों ने लिया और सभी को झांझरी परिवार द्वारा प्रेमभाव के साथ शुद्ध छने जल से निर्मित नाश्ता उपलब्ध कराया गया। इस महाव्यवस्था में श्री माणिकचंद झांझरी, श्री विमल झांझरी, सौ. माया झांझरी, श्री राजेन्द्र झांझरी, सौ. मंजू झांझरी, श्री सतीश झांझरी, सौ. मैना झांझरी, श्री सचिन झांझरी, सौ. अलका झांझरी, श्री रजत झांझरी, सौ. स्वाति झांझरी, श्री राहुल झांझरी, सौ. साक्षी झांझरी तथा लीना, यश, भविक, आरूष आदि ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया और विशेषरूप से अंत में चाय-पोहा बिक्री से प्राप्त समस्त धनराशि भी झांझरी परिवार ने महोत्सव समिति को प्रदान करके महान पुण्य का अर्जन किया।
महोत्सव में लाखों यात्रियों के आवागमन पर सभी को पीने के पानी हेतु समुचित व्यवस्था प्राप्त हो सके, इन भावनाओं को लेकर नांदेड़ के श्री जयकुमार, श्री प्रवीण कुमार, श्री प्रमोद कुमार, श्री सतीश कुमार, श्री विशाल कासलीवाल परिवार (लहाल वाले) ने महोत्सव के मध्य स्टॉल लगाकर सभी यात्रियों को केवल ५/-रुपये में पानी की एक लीटर वाली पैक बॉटल प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई, जो अत्यन्त सराहनीय रही और सभी यात्रियों को सुविधापूर्वक शुद्ध, स्वच्छ, स्वास्थ्यवर्धक एवं ठण्डा जल प्राप्त हुआ।
महोत्सव में यात्रियों को त्वरित अपना फोटो प्राप्त हो सके, इस सुविधा के लिए कांचन डिजीटल लैब-नांदगांव के श्री चंचल जैन ने फोटो कलर लैब मशीन की व्यवस्था करके न्यून राशि में यात्रियों को अत्यन्त सुन्दर डिजीटल फोटो उपलब्ध कराये, जिससे यात्रियों को आकर्षक सुविधा प्राप्त हुई।
महोत्सव में विभिन्न योजनाओं को सुचारू संभालने हेतु जयपुर (राज.) के वीर सेवक मण्डल से आये वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपना सराहनीय सहयोग दिया। मंच नियंत्रण व्यवस्था, त्यागी भवन-रत्नत्रय निलय व्यवस्था, मस्तकाभिषेक नियंत्रण व्यवस्था आदि में आपका विशेष सहयोग रहा। इस व्यवस्था में दलपति श्री अरुण कोडीवाल के नेतृत्व में श्री भानु प्रकाश छाबड़ा, श्री सुरेन्द्र शाह, श्री कैलाश गोधा, श्री बुद्धिप्रकाश जैन, श्री बाबूलाल बाकलीवाल आदि कुल ६० वीरसेवकों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं।
महोत्सव में १२५ पिच्छीधारी साधु-साध्वियों का सान्निध्य प्राप्त हुआ अत: सभी साधुओं के आहार व्यवस्था हेतु समाज के विभिन्न मण्डलों एवं अनेक भक्तों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं। इनमें से पंचकल्याणक के मध्य श्री दिगम्बर जैन महिला मण्डल, राजाबाजार-औरंगाबाद, श्री दिगम्बर जैन महिला मण्डल, चिंतामणि कालोनी-औरंगाबाद, वीर महिला मण्डल सांगली, बांसवाड़ा समाज, श्री दिगम्बर जैन संत सेवा संघ-सूरत, व्यक्तिगतरूप से सौ. मीना गौतम चूड़ीवाल-गजपंथा, श्री मोहनलाल मोडीलाल दूदावत (मामा)-अहमदाबाद परिवार तथा लोहाड़े परिवार-मुम्बई ने सतत चौका लगाया एवं श्री रविन्द्र, सुरेन्द्र, नीलेश खड़कपुरकर साहू परिवार-देवलगांवराजा ने ११ जनवरी से २९ फरवरी तक चौका लगाकर साधुओं के आहार का महान पुण्य अर्जित किया।
आहार व्यवस्था में महोत्सव से पूर्व भी विगत ४ महीनों से लगातार विभिन्न मण्डलों ने अपना सहयोग प्रदान किया। इनमें राजाबाजार-औरंगाबाद, चिन्तामणि कालोनी-औरंगाबाद, हडको-औरंगाबाद, श्री कुंथुनाथ महिला मण्डल, बालाजीनगर-औरंगाबाद, सटाणा, लासुर स्टेशन, मालेगांव, फुलंब्री, नागपुर, कोपरगांव, नांदगांव, वीर महिला मण्डल-कोल्हापुर, गजपंथा, जालना, श्रीरामपुर, नाते-पुते एवं मुम्बई आदि स्थानों से समाज की महिलाओं ने पधारकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। व्यक्तिगत परिवारों में डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल परिवार-पैठण, श्री राजमल कासलीवाल परिवार-औरंगाबाद, श्री राजाभाऊ पाटनी परिवार-नासिक, ब्र. शंभूबाई का सहयोग सराहनीय रहा।