श्री शांतिसागर स्तुति:
श्रीशान्तिसागर: सूरि:, प्रथमाचार्य इष्यते।
श्रीशान्तिसागराचार्यं, श्रयामि वृत्तलब्धये।।१।।
श्रीशांतिसागरेणात्र, मुनिमार्ग: प्रदर्शित:।
श्रीशान्तिसागरायाद्य, कोटिशो मे नमो नम:।।२।।
श्रीशान्तिसागराचार्यात्, जाता धर्मप्रभावना।
श्रीशान्तिसागरस्येह, भाक्तिका मोक्षमार्गिण:।।३।।
श्रीशान्तिसागराचार्ये, समाविष्टा गुणा यते:।
हे शान्तिसागराचार्य! मामुद्धर भवाब्धित:।।४।।