[[श्रेणी: शब्दकोष]]
मंडप:
The last (8th) land of Samavasharan having 12 division for the sitting of different types of listeners. Generic term for hall in Lord’s assembly which may be open or closed.
समवशरण की अंतिम आठवीं श्रीमंडप भूमि जिसमे 16 दीवारें व उनके बीच 12 कोठे हैं ” पूर्व दिशा को आदि कर के इन बारह कोठों में क्रम से गणधर आदि मुनि जन, कल्पवासी देवियाँ, अर्यिका एंव श्राविकाएं, ज्योतिषी देवियाँ, व्यंतर देवियाँ, भवनवासी देवियाँ, भवनवासी देव, व्यंतर देव, ज्योतिषी देव, कल्पवासी देव, मनुष्य व तिर्यंच बैठते हैं “