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सर्वतोभद्र विधान – Sarvatobhadra Vidhaana.
A composition of worshipping hymn composed by Ganini Gyanmati Mataji.
जैन आगम में वर्णित पाॅंच प्रकार की पूजाओं में से एक; यह सर्वतोभद्र विधान पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा सन् 1987 में लिखित सबसे बडा विधान है। इसमें 101 पूजाएॅं है, इसको लिखने में 40 छन्दों का प्रयोग किया गया है। तीन लोक का मंडल बनाकर 8ए 11 या 15 दिनों में इस विधान को पूर्ण किया जाता है।