[[श्रेणी:शब्दकोष]]
स्यादस्ति अवक्तव्य – Syaadasti Avaktavya.
The 5th Bhang of saptabhangi-exposition of the nature of the substance in the expects of affirmation & indescribability.संप्तभंगी का 5 वां भंग-किसी अपेक्षा से है और किसी अपेक्षा से अवक्तव्य है अर्थात् स्वचतुष्टय (द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव) की अपेक्षा द्रव्य कथंचित् आस्ति रुप है और वही द्रव्य स्व एवं परचतुष्टय की अपेक्षा युगपद् कथन न किए जाने से कथंचित् अवक्तव्य है।