पूज्यश्री का नाम – आचार्य श्री १०८ विनीत सागर जी महाराज
जन्मस्थान – महरौनी (ललितपुर) उ. प्र.
जन्मतिथि व दिनाँक – २४ दिसम्बर, १९७१ पौष शुक्ला सप्तमी
जाति – जैन
गोत्र – वात्सल्या
माता का नाम- श्रीमति शान्तिबाई बडकुल
आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण – ११ मई, १९९५ दूसरी प्रतिमा नवम्बर, १९९५ द्वारा – आचार्य श्री विवेक सागर जी महाराज
ऐलक दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – ६ जून, १९९६ जसपुर नगर (म. प्र.)
ऐलक दीक्षा गुरु – आचार्य श्री विवेक सागर जी महाराज
मुनि दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – १४ अप्रैल, २००६ में बडागाँव, खेकड़ा (बागपत)
मुनि दीक्षा गुरु – आचार्य श्री विवेक सागर जी महाराज
आचार्य/उपाध्याय/गणिनी आदि पदारोहण तिथि व स्थान – पट्टाचार्य पद १९ जनवरी, २००८ दादाबाडी नशियाजी कोटा (राज.)
पदारोहणकर्ता – समाधिस्थ—आचार्य श्री कल्याण सागर जी महाराज (ग्वालियर वाले)
साहित्यिक कृतित्व –. श्रमण, श्रावकचर्या, भक्तिज्ञान प्रयोग, श्रावक भोगोप भोगचर्या, श्री सिद्धि सिद्धि, चिन्तामणि पार्श्वनाथ विधान, गुरु भक्ति अर्चना, पार्श्व विनीत अर्चना, नियम दिनचर्या, बोलती कहानियाँ, णमोकार मंत्र महिमा, श्री भक्तामर स्तोत्र महिमा तिर्यंच बने देव, जिनवर की भक्ति, मैने ज्योति तेरी जलाई।
उपाधि – बालयोगी वात्सल्यमूर्ति चरित्र रत्नाकर विद्यावारिधि धर्म प्रभावक क्षेत्र जीर्णोधारक
अन्य विशेष जानकारी – आचार्य श्री के द्वारा जिर्णाद्धार, चार दिवारी एवं वेदियों का निर्वाण शिखर आदि का संत भवन, पाठशालाएँ, वेदी प्रतिष्ठाएँ पंच कल्याणक ।
संघ का संपर्क़ सूत्र (मोबाइल, फोन, ईमेल) – नीरज कुमार (संघस्थ) ०९५७१३५३५२६