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सादि नित्य पर्यायार्थिक नय – Saadi Nitya paryaayaarthika Naya. .
a standpoint believing the existence of supreme soul.
पर्यायार्थिक नय के 6 भेदो मे एक भेद। (परम भाव ग्राहक) शुद्व निश्चयनय को गौण करके, सम्पूर्ण कर्मों के क्षय से उत्पन्न तथा चरम शरीर के आकार रुप पर्याय से परिणत जो शुद्व सिद्व पर्याय है, उसको विषय करने वाला अर्थात् उसको सत् समझने वाला नय।