
-अडिल्ल-

उत्तम छिमा मारदव आरजव भाव हैं।


चंदन केशर गार, होय सुवास दशों दिशा।
अमल अखंडित सार, तंदुल चंद्र समान शुभ।
फूल अनेक प्रकार, महकें ऊरध-लोकलों।
नेवज विविध निहार, उत्तम षट-रस-संजुगत।




फल की जाति आपर, घ्राण-नयन-मन-मोहने।


दस लच्छन बन्दों सदा, मन वांछित फलदाय।