1. गणधरवलय मंत्र प्राकृत + हिन्दी पद्यानुवाद
3. भगवान शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरनाथ परिचय
4. २४ तीर्थकर जीवन दर्शन
7. जम्बूद्वीप
8. दिगम्बर जैन मुनि एवं आर्यिकाओं की दिनचर्या
9. श्रावक धर्म (वसुनन्दि श्रावकाचार के आधार से)
10. देवपूजा विधि व सामायिक (श्री पूज्यपाद स्वामी के आधार से)
11. सामायिक व्रत का लक्षण (श्री वामदेव बिरचित भावसंग्रह के आधार से )
13. बृहद् द्रव्यसंग्रह (एक विशेष अध्ययन)
14. सोलहकारण भावनाएँ (षट्खण्डागम ग्रंथ के आधार से)
17. धर्मोपदेश (श्री पद्मनंदिपंचविंशतिका ग्रंथ के आधार से विशेषार्थ सहित)
18. पंचास्तिकायसार
19. सर्वज्ञ के ज्ञान का माहात्म्य
21. सम्यग्दर्शन की उत्पत्ति के कारण
22. जैनशासन में कर्म सिद्धान्त
23 . अतिथिसंविभाग या वैयावृत्त्य
24. साधु और श्रावक दोनों ही सल्लेखना ग्रहण कर सकते हैं।
25. ब्राह्मी सुन्दरी ने दीक्षा क्यों ग्रहण की
26. सम्मेदशिखर तीर्थ वंदना महत्त्व
27. दीपावली पर्व एवं वीर निर्वाण संवत् का नूतन वर्षाभिनंदन
28. आगम के दर्पण में कुण्डलपुर
31. षट्खण्डागम ग्रंथ की सिद्धान्तचिंतामणि टीका
34. पंचकल्याणक प्रतिष्ठा
39. जैन शासन में ध्वज परम्परा (लेखिका आर्यिका चन्दनामती)
41. यतिभावनापद्यानुवाद
42. णमोकार मंत्र का माहात्म्य (पद्यानुवाद-आर्यिका चंदनामती)
43. ग्रंथ प्रशस्ति
44. सम्मेदशिखर टोंक वंदना