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खाना खाते समय यदि रोटी या कलाद चाहिए तो सीधे हाथ से ना लें, बाएँ हाथ का इस्तेमाल करें। खाना बिना गिराए , मुँह से भद्दी आवाज किए बिना और बिना असभ्यता के खाएँ। बिना खाए किसी भी व्यंजन की बुराई करना शुरु कर देना या फिर हर चीज में नुक्स निकालना बहुत गलत आदत है। यदि मेजबान द्वारा कपड़े के नैपकिन रखे गए हैं तो उनका उपयोग सलीके से करें। बच्चों को खाना स्वयं ही परोसें, जिससे भोजन भी व्यर्थ न हो और गंदगी भी न फैले। अंत में मेहमान का भी कर्तव्य है कि मुस्कुराकर जाने की इजाजत माँगे व धनयवाद के रूप में दो शब्द अवश्य कहें।
मेजबान के लिए सबसे जरुरी है कि अपने मेहमानों का मुस्कुराकर तहेदिल से स्वागत करें। यदि संभव हो तो, आगंतुकों से उनकी पसंद का दायरा पूछ लें। खासतौर पर यदि मेहमान को किसी चीज को खाने में परेशानी है या उन्हें डॉक्टर ने वह चीज खाने से मना किया है। जहाँ तक संभव हो, खाने के लिए बैठने की व्यवस्था हो। यदि किसी कारणवश ऐसा ना कर सवें, तो याद रखें कि इस्तेमाल में लाई जाने वाली क्रॉकरी भारी न हो। ज्यादा नहीं तो कम से कम एक या दो बार विनम्रतापूर्वक खाने के लिए अवश्य आग्रह करें। खाना परोसते समय माहौल खुशनुमा बनाए रखें साथ ही स्वयं भी पूरे वक्त प्रसन्नचित रहकर कार्य करें। व्यंजन भले ही कम बनाएं लेकिन आपका प्रस्जुतिकरण स्नेहभरा होना चाहिए।