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श्री गौतम गणधर वाणी भाग-1
May 1, 2023
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श्री गौतम गणधर वाणी भाग-1
01. मंगलाचरण
02. श्री गौतमस्वामी का परिचय
03. गणधरदेव ही द्वादशांग श्रुत के कर्ता होते हैं।
04. द्वादशांग जिनवाणी को ग्रंथरूप में नहीं लिखा जा सकता
05. भगवान महावीर स्वामी के बाद 683 वर्ष तक ही द्वादशांग रहे हैं
06. श्री गौतमस्वामी प्रणीत कृतियों का परिचय एवं प्रतिक्रमण पाठ के प्रमाण
07. “श्रीमते वर्धमानाय नमो नमित विद्विषे। “
08. प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभदेव का जीवन परिचय
09. चौवीस तीर्थकरों का अन्तराल
10. “यज्ज्ञानान्तर्गतं भूत्वा”
11. “त्रैलोक्यं गोष्पदायते”
12 षट्काल परिवर्तन
13: ऊर्ध्वलोक
14. सिद्धशिला
15. भगवान महावीर स्तोत्र
चैत्यभक्ति अपरनाम जयति भगवान महास्तोत्र (अध्याय १)
16 चैत्यभक्ति (पद्यानुवाद एवं अर्थ सहित)
17. जयति भगवान् हेमाम्भोज
18. अमरमुकुटच्छायोद्गीर्णप्रभापरिचुम्बितौ
19 कलुषहृदया मानोद्भ्रान्ता
20. परिणतनयस्यांगी
21. अर्हत्सिद्धाचार्योपाध्यायेभ्यस्तथा
22. क्षान्त्यार्जवादिगुणगण
23. मिथ्याज्ञान- तमोवृत-लोकैक
24. भवनविमानज्योति-र्व्यतरनरलोक
25. भुवनत्रयेऽपि भुवन-त्रयाधिपाभ्यर्च्य
26. इति पंचमहापुरुषाः प्रणुता
27. श्रीमद्भावनवासस्था
28. यावन्ति सन्ति लोकेऽस्मिन्नकृतानि
29. ये व्यंतरविमानेषु स्वास
30. ज्योतिषमय लोकस्य
31 वन्दे सुरतिरीटाग्रमणिच्छाया,
32 चैत्यभक्ति (अपरनाम) जयति भगवान् महास्तोत्रम् (श्री प्रभावन्द्राचार्य विरचित संस्कृत टीका एवं हिन्दी टीका सहित)
33. प्रथम अध्याय (चैत्यभक्ति) का सार
34. समवसरण स्तोत्र
35. श्री महावीर स्तोत्र
36. नवदेवता स्तोत्र
37. चैत्यवन्दनाष्टक
कृतिकर्म विधि (अध्याथ २)
38 कृतिकर्म प्रयोग विधि
39. लघु कृतिकर्म विधि/कायोत्सर्ग विधि
40. कृतिकर्म विधि के विषय में वर्णन
41. णमोकार मंत्र एवं चत्तारि मंगल पाठ (अनादि निधन है)
42. लघु सिद्धभक्ति (अमृतवर्षिणी टीका)
43. कृतिक विधि के प्रमाण विभिन्न ग्रंथों से)
44. सामायिक दण्डक (संस्कृत एवं हिन्दी टीका)
45. थोस्सामि स्तव: (चतुर्विंशतिस्तव:)
46. अड्डाइजदीव दोसमुद्देसु पण्णारसकम्मभूमिसु
47. “आदियराणं ”
48. तित्ययराण
49. जिणाणं जिणोत्तमाणं केवलियाणं
50. णणणं साणं चरित्ताण
51. लोयस्सुज्जोययरे
52. उत्साहमजिये च वंदे
53. कृतिक विधि का सार
54. सामाधिक प्रयोग विधि
55. सामायिक (देववन्दना
56. धर्मतीर्थ की उत्पत्ति
57. श्री गौतमस्वामी प्रणीत प्रतिक्रमण पाठ में तथा अन्य ग्रंथों में समानता व अन्तर
56. . श्री गौतमस्वामी प्रतिक्रमण पाठ में परिवर्तन-परिवर्तन उचित नहीं है
59. पाठ परिवर्तन परिवर्धन का चार्ट
60. पं श्री ताताराम जी के चैत्यभक्ति के विषय में उद्गार
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