01. मंगलाचरण
02. सुदं मे आउस्संतो ! (श्रावक धर्म) प्राकृत एवं पद्यानुवाद
03. सुदं मे आउस्संतो ! (श्रावक धर्म) अमृतवर्षिणी टीका
04. “तत्थ पढमे अणुव्वदे थूलयडे
15. “पंचाणुव्वतो मतेहि सिक्खावहिं संपुण्णो।”
16. जो एदाई बढाई धरेड सावया
17. सप्त परमस्थान में सज्जाति परमस्थान
18. सद्गार्हस्थ्य परमस्थान
19. सूतक पातक वर्णन
20. रजस्वला स्त्री का अशौच
21. सुदं मे आउस्संतो ! (श्रावक धर्म) का सार
22. सप्तपरमस्थान स्तोत्र
23. जिनेन्द्र स्तोत्र