== स्वाध्याय भव्य जीवों को ज्ञान देने वाला है, उसके पाँच भेद हैं-वाचना-पढ़ना-पढ़ाना। पृच्छना-प्रश्न करना। अनुप्रेक्षा-पढ़े हुए का बार-बार चिंतवन करना। आम्नाय-शुद्ध पाठ रटना और धर्मोपदेश-धर्म का उपदेश देना।