नाम एवं पता | श्री 1008 विघ्नहरण पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मु. पो. – कुलचारम्, तह. जोगीपेठ, जि. – मेदक (आन्ध्रप्रदेश) पिन – 502381 |
टेलीफोन | प्रबंधक किशोर पहाड़े – 08008436556, 09848054242 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास: कमरे (अटैच बाथरूम) – 10, हाल- 01 ( यात्री क्षमता – 50 ), (बिना बाथरूम) – 10,गेस्ट हाऊस – x, प्रांगण – 2, प्रांगण में टेंट लगने पर 1000 यात्री ठहर सकते हैं। यात्री ठहराने की कुल क्षमता 100 भोजनशाला : है, अनुरोध पर सशुल्क, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन |
रेल्वे स्टेशन : हैदराबाद या सिकन्दराबाद 80 कि.मी. बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : हैदराबाद 80 कि.मी. हैदराबाद बस स्टेण्ड अथवा बालानगर से बस द्वारा 70 कि.मी. |
निकटतम प्रमुख नगर | हैदराबाद 80 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था |
संस्था :श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के अन्तर्गत अध्यक्ष : श्री राजेश कुमार मांगीलाल जैन (पहाड़े) (09848054242) मंत्री : श्री सुमेरचन्द्र पाण्डया (09849002772) प्रबन्धक : श्री अभय कुमार जैन (08452-227436) |
क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01, क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : सन् 1984 में भूगर्भ से भगवान पार्श्वनाथ की काले पाषाण की सप्तफण वाली 11′ 3″ की प्रतिमा मिली है। यह अलौकिक देवरक्षित प्रतिमा 9वीं श.ई. की है। आन्ध्र प्रदेश के इस प्रथम तीर्थस्थल पर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा 10-16 मार्च 2003 में सम्पन्न हो चुकी है। अन्य जानकारी : जैन पुरातात्विक सम्पदा आन्ध्रप्रदेश राज्य में फैली पड़ी है। मुख्यतः 40 स्थानों पर प्राप्त हुई हैं, जिनका उल्लेख आन्ध्रप्रदेश शासन में पुरातत्व निदेशक रहे डॉ. जी. जवाहरलाल ने अपनी अंग्रेजी पुस्तक ‘जैन सेन्टर इन आन्ध्रप्रदेश’ में एवं ‘जैन मान्यूमेंट इन आन्ध्रप्रदेश’ में किया है। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र |
हैदराबाद – नलगोंडा- 80 कि.मी. (08685-281696), बैंगलोर – 300 कि.मी., श्रवणबेलगोला – व्हाया – बैंगलोर – 450 कि.मी. |