कर्ता के कार्य को कर्म कहते हैं इसे कर-मत मत कर कर्म को तब निष्कर्म बन जाएगा प्राकृत में, सिन्धी और पंजाबी में इसे ‘‘कम्म’’ कहते हैं हिन्दी में काम कहते हैं काम से निष्काम बनकर कर्म के फल को सार्थक कर