बार-बार तोहे शीश नवाऊँ आऊँ तेरे द्वार।
माताजी की, बोलो सभी मिल जयजयकार।।
पितु श्री छोटेलाल मोहिनी माँ के घर में जन्मी।
नाम माधुरी प्राप्त किया औ घर में खुशियाँ फैली।।
बचपन से पाया तुमने, मोहिनी माँ से संस्कार
चन्दनामति माताजी की, बोलो सभी मिल जयजयकार।।१।।
श्रावण कृष्णा ग्यारस का वह पवित्र दिन है आया।
हस्तिनापुर नगरी में तुमने आर्यिका दीक्षा पाया।।
बनी चन्दनामती आर्यिका, किया नाम साकार।
चन्दनामति माताजी की, बोलो सभी मिल जयजयकार।।२।।
अनुपम हैं माँ ज्ञान आपका, दूर करो अज्ञान।
दे दो थोड़ा ज्ञान हमें भी, अमृतमयी माँ ज्ञान।।
‘सुव्रतमति’ की यही भावना, रहें सदा तव पास।
चन्दनामति माताजी का दीक्षा दिवस है देखो आज।।३।।