यूँ तो अयोध्या शाश्वत जन्मभूमि है जहां अनंत तीर्थंकर जन्म ले चुके हैं और आगे भी लेते रहेंगे परन्तु हुंडावसर्पिणी कालदोष के कारण मात्र पांच तीर्थंकर इस शाश्वत जन्मभूमि पर जन्मे जिनका संक्षिप्त परिचय इस पुस्तक में है , साथ ही भगवान भरत एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र का लघु परिचय भी इसमें है जिसके माध्यम से पाठकगण सार रूप में पाँचों तीर्थंकरों एवं महापुरुषों के जीवनवृत्त से परिचित हो सकेंगे |