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षट्खंडागम टीका – Satkhandaagama Teekaa.
The commentary books written on Shatkhandagam- 6 great scriptural parts.
षट्खंडागम ग्रंथ के जीवट्ठान,खुद्दाबंध, बंधस्वामित्व विचय, वेदना, वर्गणा, महाबंध, in 6 खण्डों पर उपलब्ध अनेक टीकाएं ” छठे खण्ड पर वीरसेन स्वामी ने संक्षिप्त व्याख्या के अतिरिक्त और कोई टीका नही की है ” सर्वप्रथम परिकर्म नामक टीका आचार्य कुन्दकुन्द (ई. 127-179) द्वारा प्रथम तीन खण्डों पर, दूसरी टीका आचार्य समन्तभद्र (ई. श. 2) द्वारा प्रथम 5 खंडो पर, तीसरी टीका आचार्य शामकुण्ड (ई. शु. 3) द्वारा प्रथम 5 खंडो पर एवं चौथी टीका आचार्य वीरसेन स्वामी (ई. 770-827) द्वारा की गयी है ” इनके अतिरिक्त 20वीं शताब्दी की प्रथम बालब्रह्मचारिणी आर्यिका गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा षट्खंडागम के चार खंडो पर सिद्धान्तचिंतामणि नामक संस्कृत टीका लिखी जा चुकी है, पाँचवे खंड पर टीका लेखन कार्य पूज्य माताजी द्वारा जारी है ” इसकी हिन्दी टीका प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी द्वारा की जा रही है “