श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, सलावा,मेरठ. पश्चिम उत्तर प्रदेश देश के उन सौभाग्यशाली क्षेत्रों में है जहाँ दया, करुणा ,अहिंसा की अविरल धारा बहाने वाले तीर्थंकरों के मनोहारी एवं शक्ति प्रदान करने वाले मंदिर बड़ी संख्या में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की शोभा बढ़ा रहे हैं।ऐसा ही एक पावन छेत्र हैं “सलावा” ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित ये प्राचीन मंदिर तीर्थंकरों के प्रति ग्रामीण समुदाय की श्रद्धा भक्ति एवं पूर्ण भावना के प्रतीक हैं और दर्शाते हैं कि कालांतर में ग्राम ग्रामांचलों में जैन धर्मावलंबियों का कितना विस्तार था।
पश्चिमांचल के मेरठ जनपद के ग्राम सलावा मैं स्थित प्राचीन जैन मंदिर अपने आँचल में प्राचीन इतिहास और भव्यता को संजोये हुए धर्म प्रेमियों को बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेता है ।यहाँ यह तथ्य विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि सरधना की शासक बेग़म समरू ने सलावा के भव्य शिखरों पर मुग्ध होते हुए उसकी ऊँचाई के समान ही गुम्बज विश्व प्रसिद्ध सरधना चर्च में बनवाए थे।
मंदिर जी में मुख्य वेदी श्री आदिनाथ भगवान की है जो की अति प्राचीन मूर्ति लगभग 1200 वर्ष प्राचीन हैं।यह मंदिर लगभग छह सौ वर्ष प्राचीन है पूर्व में यह मंदिर एक चैत्यालय के रूप में था किंतु जैन समाज के लोगों ने ग्राम में विशाल जैन मंदिर बनाने का संकल्प लिया तो देखते ही देखते एक भव्य मंदिर में आकार ग्रहण किया।भव्य प्रवेश द्वार से लेकर तीनो वेदियाँ तथा धरातल से 108 फुट ऊँचा शिखर अति स्मरणीय है।यहाँ इस पावन धरा पर निरंतर चमत्कार होते रहते हैं ।