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रात्रिभुक्तित्याग – रात्रि भोजन का त्याग करना, इसका पालन करना जैन श्रावक की पहचान है श्रावक की 11 प्रतिमाओं 6 प्रतिमा मन वचन कार्य से रात्रि में चतुर्विध आहार का त्याग करना। इस प्रतिमा का द्वितीय नाम द्विवामैथुन त्याग भी आता है।
Ratribhuktityaga- Renunciation of night eating (meal), the sixth spiritual stage of house holders