किचन के प्रमुख मसालों में अजवाइन भी एक है। इसका स्वाद तीखा होता है । यह गरम व पित्तनाशक होती है। स्वाद बढ़ाने के साथ—साथ यह आपके हाजमे को भी ठीक रखती है। सब्जियों में तड़का लगाने, परांठे और अचार में स्वाद लाने के लिए इसका प्रयोग खूब किया जाता है। कैल्शियम, फॉस्फोरस , आयरन, सोडियम व पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर अजवाइन भले ही देखने में छोटी हो, मगर आयुर्वेद में इसके कई औषधीय गुण बताए गए हैं। तभी तो दादी के नुस्खे में भी अजवाइन हमेशा से सर्वोपरि रही है । तो क्या आप जानती हैं, अजवाइन के कुछ खास औषधीय गुणों के बारे में……..
१.पेट संबंधी समस्या रहती हो, तो आप इसे घर में पीसकर पाउडर के रूप में रख सकती हैं। अगर आपको लगता है कि आपने कुछ ज्यादा या ऑयली चीजें खा ली हैं, तो अजवाइन के दानों को काले नमक या चीनी के साथ धीरे—धीरे चबाएं।
२.पेट में किसी कारण से दर्द हो, तो गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच अजवाइन दो या तीन चुटकी नमक के साथ ले सकती हैं।
३. कॉमन कोल्ड हो या माइग्रेन से सिर में दर्द हो,तो अजवायन को पोटली में बांधकर बार—बार सूंघें।
४.अजवाइन को गुड़ में मिलाकर सेवन करने से पित्त से छुटकारा मिलता है। प्रसूति स्त्रियों को अजवाइन व गुड़ मिलाकर देने से भूख बढ़ती है।
५.आधा चम्मच अजवाइन में दो काली मिर्च और एक चुटकी खाने वाला सोडा मिलाकर भोजन के बाद पानी के साथ लेने से वायु विकार दूर होता है। अजवाइन का चूर्ण नमक मिले गुनगुने जल में घोल कर उससे गरारे करें। गले की सूजन में लाभ होगा।
६. सूखी खांसी से परेशान हों, तो अजवाइन को चबाने के बाद गर्म पानी पिएं। तेजपत्ते के साथ भी इसे सोने से पहले ले सकती हैं।
७.दांतो में दर्द हो तो अजवाइन को पानी में डालकर कुछ देर उबालें । इस पानी से दिन में दो या तीन बार गार्गल करें।
८.अजवाइन का बफारा देने से बच्चे को सर्दी और जुकाम से छुटकारा मिलता है।
९. देशी खांड में अजवाइन के तेल की ५—६ बूंदें डालकर खाने से वमन, अजीर्ण और थकान में लाभ होता है।