प्रात:स्मरणीय परमपूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी एवं प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ससंघ के पावन चरणों में वंदामि करते हुए धर्मप्रेमी बंधुओं, मातृशक्ति एवं पत्रकार बंधुओं! आज के इस महान कार्यक्रम की मधुरम बेला में पीठाधीश पद पर रवीन्द्र भाई जी का पदारोहण मेरे लिए व समाज के लिए अद्भुत, अनुपम एवं उत्साहवर्धक रहेगा।
आज से तीन दशक पूर्व श्री रवीन्द्र जी से हुआ परिचय इतनी आत्मीयता को प्राप्त करेगा, इस विश्वास से मन-वचन-काय रोमांचित हो गये हैं। मैं तो आज बने पीठाधीश स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी के प्रति अपनी विनयांजलि अर्पित करते हुए ये भावना व्यक्त करता हूँ कि उनका वरदहस्त मेरे पर भी सदा बना रहे। स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी के लिए मेरे हृदय से निकली ये चार लाइनें प्रस्तुत हैं-
सबको अपना कर लेते हैं, एक मीठी मुस्कान हैं ये।
हर मंजर पर छा जाते हैं, मुरली की मीठी तान हैं ये।।
हर कोई संग चल देता है, ऐसा एक आह्वान हैं ये।
इनको मैं क्या कह पुकारूँ, एक प्यारे इंसान हैं ये।।
People like him, who makes the world a better place to live मैं सूर्य का पर्यायवाची ‘दिनेश’ सभा संचालक श्री जीवन के प्रकाश में मिलकर अगर समाज के लिए कुछ कर पाऊँगा, तो यह जीवन सार्थक हो जायेगा। (पीठाधीश पदारोहण समारोह में २० नवम्बर २०११ को प्रत्यक्ष प्रस्तुति हेतु सम्प्रेषित)