(यह चौबीसों तीर्थंकर का परिचय वीर नि. सं. २५४० में लिखा गया है अत: सभी में यही संवत् दिया गया है।)
अर्थ—सिद्धिप्रिया को प्राप्त कराने में कारणस्वरूप उत्तम जिनेन्द्र भगवान अर्हन्त अवस्था की अन्तरंग—बहिरंग लक्ष्मी से समन्वित, छ्यालिस गुणों के धारक, त्रैलोक्यपूज्य परमज्योतिप्रभा से संयुक्त सूर्य के सदृश भगवान ऋषभदेव को आदि में लेकर महावीर पर्यन्त चौबीसों तीर्थंकर भगवान मेरे चित्तरूपी कमल को विकसित करें, हम सभी का मंगल करें।
जन्मभूमि – अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराज नाभिराय माता – महारानी मरुदेवी
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – बैल आयु – चौरासी लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – दो हजार हाथ गर्भ – आषाढ़ कृ.२
जन्म – चैत्र कृ.९ तप – चैत्र कृ.९
वैराग्य – नीलांजना की मृत्यु दीक्षावन- प्रयाग का सिद्धार्थवन
दीक्षा वृक्ष – वट वृक्ष (अक्षयवट)
प्रथम आहार – हस्तिनापुर के राजा श्रेयांस द्वारा (इक्षुरस)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-पुरिमतालपुर उद्यान (प्रयाग) एवं वटवृक्ष
केवलज्ञान – फाल्गुन कृ.११ मोक्ष – माघ कृ.१४
मोक्षस्थल – कैलाश पर्वत
गणधर – श्री वृषभसेन आदि ८४ मुनि – चौरासी हजार
गणिनी – आर्यिका ब्राह्मी आर्यिका- तीन लाख पचास हजार श्रावक – तीन लाख श्राविका- पांच लाख
जिनशासन यक्ष- गोमुख देव यक्षी – चक्रेश्वरी देवी
भगवान ऋषभदेव वर्तमान वीर नि.सं.२५४० से ३९५०० वर्ष कम, सौ लाख करोड़ सागर अर्थात् एक कोड़ाकोड़ी सागर वर्ष पहले मोक्ष गए हैं। इससे चौरासी लाख पूर्व वर्ष पहले जन्में हैं।
जन्मभूमि – अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराज जितशत्रु माता – महारानी विजया
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – हाथी आयु – बहत्तर लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – अट्ठारह सौ हाथ गर्भ – ज्येष्ठ कृ. अमावस्या
जन्म – माघ शु. १० तप – माघ शु. ९
वैराग्य – उत्कापात
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – सप्तपर्ण वृक्ष
प्रथम आहार – साकेतनगरी के राजा ब्रह्म द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष –सहेतुक वन एवं सप्तपर्ण वृक्ष
केवलज्ञान – पौष शु.११ मोक्ष – चैत्र शु.५
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री िंसहसेन आदि ९० मुनि – एक लाख
गणिनी – आर्यिका प्रकुब्जा आर्यिका – तीन लाख बीस हजार
श्रावक – तीन लाख श्राविका – पांच लाख
जिनशासन यक्ष -महायक्ष देव यक्षी – रोहिणी देवी
भगवान अजितनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम पचास लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – श्रावस्ती (जिला-बहराइच) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराज दृढ़राज माता – महारानी सुषेणा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – घोड़ा आयु – साठ लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – सोलह सौ हाथ गर्भ – फाल्गुन शु.८
जन्म – कार्तिक शु. १५ तप – मगसिर शु.१५
वैराग्य – मेघ विनाश
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष-शाल्मलि वृक्ष
प्रथम आहार – श्रावस्ती के राजा सुरेन्द्रदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं शाल्मलि वृक्ष
केवलज्ञान – कार्तिक कृ.४ मोक्ष – चैत्र शु.६
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री चारुषेण आदि १०५ मुनि – दो लाख
गणिनी – आर्यिका धर्मार्या आर्यिका – तीन लाख बीस हजार
श्रावक – तीन लाख श्राविका – पांच लाख
जिनशासन यक्ष –त्रिमुखदेव यक्षी – प्रज्ञप्तिदेवी
भगवान संभवनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम, बीस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराज स्वयंवरराज माता – महारानी सिद्धार्था
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – बंदर आयु – पचास लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – चौदह सौ हाथ गर्भ – वैशाख शु. ६
जन्म – माघ शु. १२ तप – माघ शु. १२
वैराग्य – गन्धर्वनगर नाश
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – असन वृक्ष
प्रथम आहार – साकेत नगरी के राजा इन्द्रदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं असन वृक्ष
केवलज्ञान – पौष शु. १४ मोक्ष – वैशाख शु.६
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री वज्रनाभि आदि १०३ मुनि – तीन लाख
गणिनी – आर्यिका मेरुषेणा आर्यिका- तीन लाख तीस हजार छह सौ
श्रावक – तीन लाख श्राविका- पांच लाख
जिनशासन यक्ष –यक्षेश्वर देव यक्षी – वज्रश्रृंखला देवी
भगवान अभिनंदननाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम, दस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराज मेघरथ माता – महारानी सुमंगला देवी
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्व्ााकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – चकवा आयु – चालीस लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – बारह सौ हाथ गर्भ – श्रावण शु.२
जन्म – चैत्र शु. ११ तप – वैशाख शु.९
वैराग्यकारण- जातिस्मरण
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – प्रियंगुवृक्ष
प्रथम आहार – सौमनस नगर के राजा पद्म द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं प्रियंगुवृक्ष वृक्ष
केवलज्ञान – चैत्र शु.११ मोक्ष – चैत्र शु.११
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री अमर आदि ११६ मुनि – तीन लाख बीस हजार
गणिनी – आर्यिका अनंतमती आर्यिका – तीन लाख तीस हजार
श्रावक – तीन लाख श्राविका – पांच लाख
जिनशासन यक्ष –तुंबुरू देव यक्षी – पुरुषदत्ता देवी
भगवान सुमतिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम, एक लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – कौशाम्बी (जिला-कौशाम्बी) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराज धरणराज माता – महारानी सुसीमा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – पद्मरागमणि सदृश
चिन्ह – लाल कमल आयु – तीस लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – एक हजार हाथ गर्भ – माघ कृ.६
जन्म – कार्तिक कृ. १३ तप – कार्तिक कृ.१३
वैराग्यकारण- जातिस्मरण
दीक्षावन – मनोहर वन (प्रभाषगिरि) दीक्षा वृक्ष – प्रियंगुवृक्ष
प्रथम आहार – वर्द्धमान नगर के राजा सोमदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-मनोहर वन (प्रभाषगिरि) एवं प्रियंगुवृक्ष
केवलज्ञान – चैत्र शु.१५ मोक्ष – फाल्गुन कृ.४
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री वज्रचामर आदि ११० मुनि – तीन लाख तीस हजार
गणिनी – आर्यिका रतिषेणा आर्यिका – चार लाख तीस हजार
श्रावक – तीन लाख श्राविका – पांच लाख
जिनशासन यक्ष –कुसुमदेव यक्षी – मनोवेगा देवी
भगवान पद्मप्रभ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम बीस लाख करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – बनारस (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराज सुप्रतिष्ठित माता – महारानी पृथ्वीषेणा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – मरकतमणि सम (हरा)
चिन्ह – स्वस्तिक आयु – बीस लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – आठ सौ हाथ गर्भ – भाद्रपद शु. ६
जन्म – ज्येष्ठ शु. १२ तप – ज्येष्ठ शु. १२
वैराग्यकारण- वसन्तवन—लक्ष्मीनाश
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – शिरीष वृक्ष
प्रथम आहार – सोमखेट नगर के राजा महेन्द्रदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष- सहेतुक वन एवं शिरीष वृक्ष
केवलज्ञान – फाल्गुन कृ.६ मोक्ष – फाल्गुन कृ.७
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्रीबल आदि ९५ मुनि – तीन लाख
गणिनी – आर्यिका मीनार्या आर्यिका – तीन लाख तीस हजार
श्रावक – तीन लाख श्राविका – पांच लाख
जिनशासन यक्ष –वरनंदिदेव यक्षी – काली देवी
भगवान सुपार्श्वनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम दस हजार करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – चन्द्रपुरी (जिला-बनारस) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराज महासेन माता – महारानी लक्ष्मणा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – कुंदपुष्प सम श्वेत
चिन्ह – चन्द्रमा आयु – दस लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – छह सौ हाथ गर्भ – चैत्र कृ. ५
जन्म – पौष कृ. ११ तप – पौष कृ. ११
वैराग्यकारण – अध्रुवादि भावना
दीक्षावन – सर्वर्तुकवन दीक्षा वृक्ष – नागवृक्ष
प्रथम आहार – नलिन नगर के राजा सोमदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सर्वर्तुकवन एवं नागवृक्ष
केवलज्ञान – फाल्गुन कृ.७ मोक्ष – फाल्गुन कृ.७
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री श्रीदत्त आदि ९३ मुनि – ढाई लाख
गणिनी – आर्यिका वरुणा आर्यिका- तीन लाख अस्सी हजार
श्रावक – तीन लाख श्राविका – पांच लाख
जिनशासन यक्ष-विजयदेव यक्षी – ज्वालामालिनी देवी
भगवान चन्द्रप्रभु वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम सौ करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – काकन्दी (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराज सुग्रीव माता – महारानी जयरामा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – कुंदपुष्प सम श्वेत
चिन्ह – मगर आयु – दो लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – चार सौ हाथ गर्भ – फाल्गुन कृ.९
जन्म – मगसिर शु.१ तप – मगसिर शु. १
वैराग्यकारण – उल्कापात
दीक्षावन – पुष्पकवन दीक्षा वृक्ष – नागवृक्ष
प्रथम आहार – शैलपुर के राजा पुष्पमित्र द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष – पुष्पकवन एवं नागवृक्ष
केवलज्ञान – कार्तिक शु.२ मोक्ष – भाद्रपद शु.८
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री विदर्भ आदि ८८ मुनि – दो लाख
गणिनी – आर्यिका घोषार्या आर्यिका- तीन लाख अस्सी हजार
श्रावक – दो लाख श्राविका- पांच लाख
जिनशासन यक्ष –अजित देव यक्षी – महाकाली देवी
भगवान पुष्पदन्तनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम दस करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – भद्रपुरी
पिता – महाराज दृढ़रथ माता – महारानी सुनन्दा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – श्रीवृक्ष (कल्पवृक्ष) आयु – एक लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना – तीन सौ साठ हाथ गर्भ – चैत्र कृ. ८
जन्म – माघ कृ. १२ तप – माघ कृ. १२
वैराग्यकारण – हिमनाश
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – बेलव्ाृक्ष
प्रथम आहार – अरिष्ट नगर के राजा पुनर्वसु द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं बेलवृक्ष
केवलज्ञान – पौष कृ. १४ मोक्ष- आश्विन शु. ८
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री अनगार आदि ८१ मुनि – एक लाख
गणिनी – आर्यिका धरणा आर्यिका-तीन लाख अस्सी हजार
श्रावक- दो लाख श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष –ब्रह्मेश्वर देव यक्षी – मानवी देवी
भगवान शीतलनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ३९५०० वर्ष कम एक करोड़ सागर पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – सिंहपुरी-सारनाथ (जिला-बनारस) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराज विष्णुमित्र माता – महारानी नन्दा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – गैंडा आयु – चौरासी लाख वर्ष
अवगाहना – तीन सौ बीस हाथ गर्भ – ज्येष्ठ कृ. ६
जन्म – फाल्गुन कृ. ११ तप – फाल्गुन कृ. ११
वैराग्यकारण – वसन्तवन लक्ष्मीनाश
दीक्षावन – मनोहर वन दीक्षा वृक्ष – तुंबुरू वृक्ष
प्रथम आहार – सिद्धार्थ नगर के राजा नंद द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-मनोहरवन एवं तुुंबुरू वृक्ष
केवलज्ञान – माघ कृ. अमावस मोक्ष – श्रावण शु. १५
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
समवसरण में चतुर्विध संघ
गणधर – श्री कुन्थु आदि ७७ मुनि – चौरासी हजार
गणिनी – आर्यिका धारणा आर्यिका – एक लाख बीस हजार
श्रावक – दो लाख श्राविका – चार लाख
जिनशासन यक्ष –कुमार देव यक्षी – गौरी देवी
भगवान श्रेयांसनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से १०० सागर ६५,८६,५८० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – चंपापुर (जि.-भागलपुर) बिहार
पिता – महाराज वसुपूज्य माता – महारानी जयावती
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – पद्मरागमणि सदृश
चिन्ह – भैंसा आयु – बहत्तर लाख वर्ष
अवगाहना – दो सौ अस्सी हाथ गर्भ – आषाढ़ कृ.६
जन्म – फाल्गुन कृ. १४ तप – फाल्गुन कृ.१४
वैराग्यकारण – जातिस्मरण
दीक्षावन – मनोहर उद्यान दीक्षा वृक्ष – कदंब वृक्ष
प्रथम आहार – महानगर के राजा सुंदर द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-मनोहर उद्यान एवं कदंब वृक्ष
केवलज्ञान – माघ शु.२ मोक्ष – भाद्रपद शु.१४
मोक्षस्थल – चंपापुर (मंदारगिरि)
गणधर – श्री धर्म आदि ६६ मुनि – बहत्तर लाख
गणिनी – आर्यिका सेनार्या आर्यिका – एक लाख छह हजार
श्रावक – दो लाख श्राविका – चार लाख
जिनशासन यक्ष –षण्मुख देव यक्षी – गांधारी देवी
भगवान वासुपूज्य वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से छ्यालिस सागर ६५,८६,५८० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – कांपिल्यपुरी (कंपिलाजी)
जि. फरूक्खाबाद (उ.प्र.)
पिता – महाराज कृतवर्मा माता – महारानी जयश्यामा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – सूकर आयु – साठ लाख वर्ष
अवगाहना – दो सौ चालीस हाथ गर्भ – ज्येष्ठ कृ.१०
जन्म – माघ शु. ४ तप – माघ शु. ४
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – जामुन वृक्ष
प्रथम आहार – नंदनपुर के राजा कनकप्रभ द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं जामुन वृक्ष
केवलज्ञान – माघ शु.६ मोक्ष – आषाढ़ कृ. ८
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री श्रीमंदर आदि ५५ मुनि – अड़सठ हजार
गणिनी – आर्यिका पद्मा आर्यिका – एक लाख तीन हजार
श्रावक – दो लाख श्राविका – चार लाख
जिनशासन यक्ष –पाताल देव यक्षी – वैरोटी देवी
भगवान विमलनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से सोलह सागर ६५,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – अयोध्या (उ.प्र.)
पिता – महाराज िंसहसेन माता – महारानी जयश्यामा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – सेही आयु – तीस लाख वर्ष
अवगाहना – दो सौ हाथ गर्भ – कार्तिक कृ.१
जन्म – ज्येष्ठ कृ.१२ तप – ज्येष्ठ कृ. १२
वैराग्यकारण – उल्कापात
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – पीपल वृक्ष
प्रथम आहार – साकेत पुर के राजा विशाख द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं पीपल वृक्ष
केवलज्ञान – चैत्र कृ. अमावस मोक्ष – चैत्र कृ. अमावस
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री जय आदि ५० मुनि – छ्यासठ हजार
गणिनी – आर्यिका सर्वश्री आर्यिका – एक लाख आठ हजार
श्रावक – दो लाख श्राविका – चार लाख
जिनशासन यक्ष –किन्नर देव यक्षी – अनंतमती देवी
भगवान अनन्तनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से सात सागर ६५,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – रत्नपुरी (जिला पैâजाबाद) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराज भानुराज माता – महारानी सुप्रभा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – वज्रदंड आयु – दस लाख वर्ष
अवगाहना – एक सौ अस्सी हाथ गर्भ – वैशाख शु. १३
जन्म – माघ शु. १३ तप – माघ शु. १३
वैराग्यकारण – उल्कापात
दीक्षावन – शालवन दीक्षा वृक्ष – सप्तपर्ण वृक्ष
प्रथम आहार – पाटलिपुत्र नगर के राजा धन्यषेण द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-शालवन एवं सप्तपर्ण
केवलज्ञान – पौष शु. १५ मोक्ष – ज्येष्ठ शु. ४
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री अरिष्टसेन आदि ४३ मुनि – चौंसठ हजार
गणिनी – आर्यिका सुव्रता आर्यिका – बासठ हजार चार सौ
श्रावक – दो लाख श्राविका – चार लाख
जिनशासन यक्ष-किपुरुषदेव यक्षी – मानसी देवी
भगवान धर्मनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से तीन सागर ६५,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – हस्तिनापुर (जि. मेरठ) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराज विश्वसेन माता – महारानी ऐरावती
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – कुरु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – हरिण आयु – एक लाख वर्ष
अवगाहना – एक सौ साठ हाथ गर्भ – भाद्रपद कृ. ७
जन्म – ज्येष्ठ कृ. १४ तप – ज्येष्ठ कृ. १४
वैराग्यकारण – जातिस्मरण
दीक्षावन – सहस्राम्रवन दीक्षा वृक्ष – नंद्यावर्त वृक्ष
प्रथम आहार – मंदिरपुर के राजा सुमित्र द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहस्राम्रवन एवं नंद्यावर्त वृक्ष
केवलज्ञान – पौष शु. १० मोक्ष – ज्येष्ठ कृ. १४
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री चक्रायुध आदि ३६ मुनि – बासठ हजार
गणिनी – आर्यिका हरिषेणा आर्यिका – साठ हजार तीन सौ
श्रावक – दो लाख श्राविका – चार लाख
जिनशासन यक्ष –गरुड़देव यक्षी – महामानसी देवी
भगवान शांतिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से पौन पल्य ६५,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – हस्तिनापुर (जि. मेरठ) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराज सूरसेन माता – महारानी श्रीकांता
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – कुरुवंश देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – बकरा आयु – पंचानवे हजार वर्ष
अवगाहना – एक सौ चालीस हाथ गर्भ – श्रावण कृ.१०
जन्म – वैशाख शु. १ तप – वैशाख शु. १
वैराग्यकारण – जातिस्मरण
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – तिलक वृक्ष
प्रथम आहार – हस्तिनापुर के राजा धर्ममित्र द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहेतुक वन एवं तिलक वृक्ष
केवलज्ञान – चैत्र शु. ३ मोक्ष – वैशाख शु. १
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत]
गणधर – श्री स्वयंभू आदि ३५ मुनि – साठ हजार
गणिनी – आर्यिका भाविता आर्यिका- साठ हजार तीन सौ पचास
श्रावक – दो लाख श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष –गंधर्व देव यक्षी – जया देवी
भगवान कुंथुनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से पाव पल्य और ६५,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – हस्तिनापुर (जिला मेरठ) उत्तर प्रदेश
पिता – महाराज सुदर्शन माता – महारानी मित्रसेना
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – कुरुवंश देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – मछली आयु – चौरासी हजार वर्ष
अवगाहना – एक सौ बीस हाथ गर्भ – फाल्गुन कृ.३
जन्म – मगसिर शु.१४ तप – मगसिर शु. १०
वैराग्यकारण – मेघ—विनाश
दीक्षावन – सहेतुक वन दीक्षा वृक्ष – आम्र वृक्ष
प्रथम आहार – चक्रपुर के राजा अपराजित द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष- सहेतुक वन एवं आम्र वृक्ष
केवलज्ञान – कार्तिक शु. १२ मोक्ष – चैत्र कृ. अमावस्या
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री कुंभार्य आदि ३० मुनि – पचास हजार
गणिनी – आर्यिका यक्षिला आर्यिका – साठ हजार
श्रावक – एक लाख साठ हजार श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष-महेन्द्र देव यक्षी – विजया देवी
भगवान अरनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से १० अरब ६५,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – मिथिलानगरी
पिता – महाराज कुंभराज माता – महारानी प्रजावती
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – कलश आयु – पचपन हजार वर्ष
अवगाहना – सौ हाथ गर्भ – चैत्र शु. १
जन्म – मगसिर शु.११ तप – मगसिर शु. ११
वैराग्यकारण – अध्रुवादि भावना
दीक्षावन – श्वेतवन दीक्षा वृक्ष-अशोक वृक्ष
प्रथम आहार – मिथिला नगरी के राजा नंदिषेण द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-श्वेतवन एवं अशोक वृक्ष
केवलज्ञान – पौष कृ. २ मोक्ष – फाल्गुन शु. ५
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री विशाख आदि २८ मुनि – चालीस हजार
गणिनी – आर्यिका बंधुषेणा आर्यिका – पचपन हजार
श्रावक – एक लाख श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष –कुबेर देव यक्षी – अपराजिता देवी
भगवान मल्लिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ६५,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – राजगृही (जिला नालंदा) झारखण्ड
पिता – महाराज सुमित्र माता – महारानी सोमा
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – हरिवंश देहवर्ण – वैडूर्यमणि सदृश
चिन्ह – कछुआ आयु – तीस हजार वर्ष
अवगाहना – अस्सी हाथ गर्भ – श्रावण कृ. २
जन्म – वैशाख कृ. १२ तप – वैशाख कृ. १०
वैराग्यकारण – जातिस्मरण
दीक्षावन – नीलवन दीक्षा वृक्ष – चंपक वृक्ष
प्रथम आहार – राजगृह के राजा वृषभसेन द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष- नील वन एवं चंपक वृक्ष
केवलज्ञान – वैशाख कृ. ९ मोक्ष – फाल्गुन कृ. १२
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री मल्लि आदि १८ मुनि – तीस हजार
गणिनी – आर्यिका पुष्पदंता आर्यिका – पचास हजार
श्रावक – एक लाख श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष –वरुण देव यक्षी – बहुरूपिणी देवी
भगवान मुनिसुव्रतनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ११,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – मिथिलानगरी
पिता – महाराज विजय माता – महारानी वप्पिला (वर्मिला)
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – नीलकमल आयु – दस हजार वर्ष
अवगाहना – साठ हाथ गर्भ – आश्विन कृ.२
जन्म – आषाढ़ कृ.१० तप – आषाढ़ कृ.१०
वैराग्यकारण –जातिस्मरण
दीक्षावन – चैत्रवन दीक्षा वृक्ष – वकुलवृक्ष
प्रथम आहार – वीरपुर नगर के राजा दत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-चैत्रवन एवं वकुलवृक्ष
केवलज्ञान – मगसिर शृ. ११ मोक्ष – वैशाख कृ. १४
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री सुप्रभार्य आदि १७ मुनि – बीस हजार
गणिनी – आर्यिका मंगिनी आर्यिका – पैंतालीस हजार
श्रावक – एक लाख श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष –श्री विद्युत्प्रभ देव यक्षी – चामुण्डी देवी
भगवान नमिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ५,८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – शौरीपुरबटेश्वर (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराज समुद्रविजय माता – महारानी शिवादेवी
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – हरिवंश देहवर्ण – वैडूर्यमणि सदृश
चिन्ह – शंख आयु – एक हजार वर्ष
अवगाहना – चालीस हाथ गर्भ – कार्तिक शु. ६
जन्म – श्रावण शु. ६ तप – श्रावण शु. ६
वैराग्यकारण – जातिस्मरण
दीक्षावन – सहस्राम्रवन दीक्षा वृक्ष – बांस वृक्ष
प्रथम आहार – द्वारावती के राजा वरदत्त द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-सहस्राम्रवन एवं बांस वृक्ष
केवलज्ञान – आश्विन शु. १ मोक्ष – आषाढ़ शु. ७
मोक्षस्थल – ऊर्जयंतपर्वत (गिरनार)
गणधर- श्री वरदत्त आदि ११ मुनि – अठारह हजार
गणिनी- आर्यिका राजीमती (राजुलमती) आर्यिका – चालीस हजार
श्रावक- एक लाख श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष-सर्वाण्हदेव यक्षी – कूष्माण्डी देवी
भगवान नेमिनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से ८६,५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – बनारस (उत्तर प्रदेश)
पिता – महाराजा अश्वसेन माता – महारानी ब्राह्मी (वामादेवी)
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – उग्रवंश देहवर्ण – मरकतमणि सदृश (हरा)
चिन्ह – सर्प आयु – सौ वर्ष
अवगाहना – नौ हाथ गर्भ – वैशाख कृ. २
जन्म – पौष कृ. ११ तप – पौष कृ. ११
वैराग्यकारण – जातिस्मरण
दीक्षावन – अश्ववन दीक्षा वृक्ष – देवदारूवृक्ष
प्रथम आहार – गुल्मखेट नगर के राजा धन्य द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-अश्ववन एवं देवरारूवृक्ष
केवलज्ञान – चैत्र कृ. १४ (४) मोक्ष – श्रावण शु. ७
मोक्षस्थल – सम्मेद शिखर पर्वत
गणधर – श्री स्वयंभू आदि १० मुनि – सोलह हजार
गणिनी – आर्यिका सुलोचना आर्यिका – छत्तीस हजार
श्रावक – एक लाख श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष –धरणेन्द्र देव यक्षी – पद्मावती देवी
भगवान पार्श्वनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४० से २७९० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।
जन्मभूमि – कुंडलपुर जिला-नालन्दा (बिहार)
पिता – महाराजा सिद्धार्थ माता-महारानी प्रियकारिणी (त्रिशला)
वर्ण – क्षत्रिय गोत्र – काश्यप
वंश – नाथवंश देहवर्ण – तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह – िंसह आयु – बहत्तर वर्ष
अवगाहना – सात हाथ (अरत्नि) गर्भ – आषाढ़ शु. ६
जन्म – चैत्र शु. १३ तप – मगसिर कृ. १०
वैराग्यकारण – जातिस्मरण
दीक्षावन – षण्डवन (मनोहरवन) दीक्षा वृक्ष – साल वृक्ष
प्रथम आहार – कूल ग्राम के राजा वकुल द्वारा (खीर)
विशेष आहार – कौशाम्बी में महासती चंदना द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-षण्डवन (मनोहरवन) एवं साल वृक्ष
केवलज्ञान – वैशाख शु. १० (ऋजुकूला नदी के तट पर)
मोक्षकल्याणक-कार्तिक कृ. अमावस्या
वीरशासन जयंती- (दिव्यध्वनि दिवस) श्रावण कृ.१-राजगृही
मोक्षस्थल – पावापुरी
गणधर – श्री इन्द्रभूति आदि ११ मुनि – चौदह हजार
गणिनी – आर्यिका चन्दना आर्यिका – छत्तीस हजार
श्रावक – एक लाख श्राविका – तीन लाख
जिनशासन यक्ष-मातंग देव (गुह्यकदेव) यक्षी – सिद्धायिनी देवी
२६१२ वर्ष पूर्व भगवान महावीर स्वामी का जन्म हुआ। भगवान महावीर स्वामी वर्तमान वीर नि.सं. से २५४० वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।