प्रथम गली में स्थित चन्द्र की १ मुहूर्त में गति ५०७३ योजन है। चन्द्र जब दूसरी गली में पहुँचता है तब इसी प्रमाण में ३ योजन और मिला देने से द्वितीय गली में स्थित चन्द्र के १ मुहूर्त की गति का प्रमाण होता है। इसी प्रकार आगे-आगे की १३ गलियों तक भी ३ योजन अधिक-अधिक करने से मुहूर्त प्रमाण गति का प्रमाण आता है। मध्यम गली में चन्द्र के पहुँचने पर १ मुहूर्त की गति का प्रमाण ५१०० योजन है एवं बाह्य गली में चन्द्र के पहुँचने पर १ मुहूर्त की गति का प्रमाण ५१२६ योजन (२०५०४००० मील) होता है।
विशेष—५१० योजन के क्षेत्र में ही सूर्य की १८४ गलियाँ एवं चन्द्र की १५ गलियाँ हैं। अतएव सूर्य की गलियों का अन्तराल दो-दो योजन का एवं चन्द्र की प्रत्येक गलियों का अन्तराल ३५ योजन का है।
सूर्य १ गली को ६० मुहूर्त में पूरी करते हैं परन्तु चन्द्र १ गली को ६२ मुहूर्त में पूरा करते हैं।