चन्द्रमा की १५ गलियाँ हैं। उनके मध्य में २८ नक्षत्रों की ८ ही गलियाँ हैं।
चन्द्र की प्रथम गली में—अभिजित, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषज्, पूर्वाभाद्रपदा, रेवती, उत्तराभाद्रपदा, अश्विनी, भरिणी, स्वाति, पूर्वाफाल्गुनी एवं उत्तरा फाल्गुनी ये १२ नक्षत्र संचार करते हैं।
तृतीय गली में—पुनर्वसू एवं मघा संचार करते हैं।
छठी गली में—कृत्तिका का गमन होता है।
सातवीं गली में—रोहिणी तथा चित्रा का गमन होता है।
आठवीं गली में—विशाखा,
दशमी गली में—अनुराधा,
ग्यारहवीं गली में—ज्येष्ठा
एवं पन्द्रहवीं गली में—हस्त, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, मृगशीर्षा, आर्द्रा, पुष्य तथा आश्लेषा नामक शेष ८ नक्षत्र संचार करते हैं। ये नक्षत्र क्रमश: अपनी-अपनी गली में ही भ्रमण करते हैं।
सूर्य-चन्द्र के समान अन्य-अन्य गलियों में भ्रमण नहीं करते हैं।