इस लवण समुद्र के दोनों तटों पर २४ अन्तर्द्वीप हैं। (चार दिशाओं के ४ द्वीप, ४ विदिशाओं के ४ द्वीप, दिशा-विदिशा की ८ अन्तरालों के ८ द्वीप, हिमवन और शिखरी पर्वत के दोनों तटों के ४ और भरत, ऐरावत के दोनों विजयार्द्धों के दोनों तटों के ४ इस प्रकार—४ ± ४ ± ८ ± ४ ± ४ · २४ हुये।)
ये २४ अन्तर्द्वीप लवण समुद्र के इस तटवर्ती हैं एवं उस तट के भी २४ तथा कालोदधि समुद्र के उभयतट के ४८, सभी मिलकर ९६ अन्तर्द्वीप कहलाते हैं। इन्हें ही कुभोग भूमि कहते हैं।