पहले रत्नप्रभा पृथ्वी के ३ भाग बताये जा चुके हैं। उसमें खरभाग और पंकभाग में उत्कृष्ट रत्नों से शोभायमान भवनवासी और व्यंतरवासियों के भवन हैं। इन दोनों भागों में से खरभाग की मोटाई १६ हजार योजन एवं पंकभाग ८४ हजार योजन प्रमाण है। १६०००±८४०००·१००००० योजन