किन्नर, किम्पुरुष, महोरग, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, भूत और पिशाच इस प्रकार से ये व्यंतर देव आठ प्रकार के होते हैं। भूतों के चौदह हजार प्रमाण और राक्षसों के १६ हजार प्रमाण भवन हैं। शेष व्यंतरों के भवन नहीं हैं।