भरत क्षेत्र के विस्तार से दूने विस्तार वाला हिमवन् पर्वत है यह सौ योजन ऊँचा है एवं सुवर्णमयी है। हिमवन् पर्वत की ऊँचाई १०० यो., चौड़ाई १०५२-१२/१९ यो., लम्बाई पूर्व-पश्चिम लवण समुद्र तक एवं वर्ण-सुवर्णमय हैै।
भूमितल पर हिमवन् पर्वत के सदृश लम्बी उसकी दो तट वेदियाँ हैं, ये वेदियाँ दो कोस ऊँची और पाँच सौ धनुष प्रमाण विस्तार से युक्त हैं। इस पर्वत के दोनों पार्श्व भागों में अर्ध योजन प्रमाण विस्तार से युक्त वन खण्ड हैं तथा पूर्वोक्त वेदियों के समान बहुत तोरण द्वारों से संयुक्त वेदी हैं।
इस हिमवन् पर्वत के शिखर पर चारों तरफ पद्मराग मणिमय दिव्य वेदिका है। वन, भवन और वेदी आदि का सब वर्णन पूर्वोक्त ही है।