सौमनस वन की चारों ही दिशाओं में चार जिनभवन स्थित हैं जिनका सारा वर्णन पूर्व में कहे गये जिन भवनों के सदृश ही हैं। अंतर केवल इतना ही है कि ये भवन पांडुकवन के जिन भवनों के विस्तार, ऊँचाई, लंबाई आदि प्रमाण से दूने प्रमाण वाले हैं।
प्रत्येक जिन मंदिर सम्बन्धी कोटों के बाहर दोनों पार्श्व भागों में जो दो-दो कूट स्थित हैं उनके नंदन, मंदर, निषध, हिमवन् आदि उत्तम-उत्तम नाम हैं। इन पर स्थित, भवन दिक्कुमारियों एवं अन्य एक बलभद्र कूट आदि का वर्णन तिलोयपण्णत्ति से देख लेना चाहिए।