देवकुरु के भीतर निषधपर्वत के उत्तर पार्श्व भाग में विद्युतप्रभ पर्वत से पूर्व दिशा में, सीतोदा नदी की पश्चिम दिशा में और सुमेरु पर्वत के नैऋत्य भाग में रमणीय रजतमय शाल्मलि वृक्ष का स्थल बतलाया गया है। इस स्थल के विस्तार आदि का वर्णन आगे कहे हुए ‘जंबूवृक्ष’ के सदृश समझना चाहिये। इसकी दक्षिण दिशा पर जिन भवन है।