दोनों विदेहों के उत्तर भाग में निषध के समान नील पर्वत है। विशेष इतना है कि इस पर्वत पर स्थित, कूटों, देव-देवियों, द्रहों के नाम अन्य हैं। सिद्ध, नील, पूर्व विदेह, सीता, कीर्ति, नारी, अपरविदेह, रम्यक और अपदर्शन ऐसे नौ कूट इस नील पर्वत पर हैं। इनमें से प्रथम कूट पर सौमनस्थ जिनालय के सदृश जिन भवन हैं। शेषकूटों पर व्यंतर देवों के समान भवन हैं। सब व्यंतर देव अपने-अपने कूटों के नाम से सहित बहुत परिवार से युक्त, दस धनुष ऊँचे, एक पल्य प्रमाण आयु वाले हैं।