धातकी द्वीप के भीतर उत्तकुरु देवकुरु क्षेत्रों में ‘धातकी वृक्ष’ (आंवले के वृक्ष) स्थित हैं, इसी कारण इस द्वीप का ‘धातकी खंड’ यह सार्थक नाम है। उन धातकी वृक्षों पर सम्यक्त्वरत्न से संयुक्त उत्तम विभूषणों से विभूषित ‘प्रियदर्शन’ और ‘प्रभास’ नामक दो अधिपति देव निवास करते हैं। इन दोनों के परिवार देव आदर-अनादर की अपेक्षा दुगुने प्रमाण हैं।