पूर्वोक्त मानुषोत्तर पर्वत तक मनुष्य लोक के चैत्यालय ३९८ हैं उनमें नंदीश्वर के ५२, कुण्डलवर व रुचकवर द्वीप के ४-४ मिला देने से ३९८±५२±४±४·४५८ चैत्यालय हैं उनमें विराजमान सभी जिनप्रतिमाओं को मेरा मन, वचन, काय से बारम्बार नमस्कार होवे।