सब द्वीपों में अंतिम द्वीप ‘स्वयंभूरमण नाम वाला है इसके मध्य में मंडलाकार स्वयंप्रभ पर्वत स्थित है यह पर्वत तटवेदी वन, उपवन से सहित रत्नों से देदीप्यमान है। मानुषोत्तर पर्वत, कुण्डलवर पर्वत, रुचकवर पर्वत एवं स्वयंप्रभ पर्वत ये चारों पर्वत वर्तुलाकार-वलयाकार से अपने-अपने द्वीप के मध्य में स्थित हैं।