पृथ्वी के परिणाम रूप चमकीली धातु से सूर्य का विमान बना हुआ है, जो कि अकृत्रिम है। इस बिम्ब में स्थित पृथ्वीकायिक जीवों के आतप नाम कर्म का उदय होने से उसकी किरणें चमकती हैं सूर्य बिम्ब में मूल में उष्णता नहीं है। उसी प्रकार से चंद्र, तारे आदि के बिम्ब में रहने वाले पृथ्वीकायिक जीवों के उद्योत नाम कर्म का उदय है जिसके निमित्त के मूल में तथा किरणों में सर्वत्र शीतलता पाई जाती है। सभी तारा, नक्षत्र, ग्रहों के बिम्बों के पृथ्वीकायिक जीवों के उद्योत नाम कर्म का उदय है।