सूर्य का गमन क्षेत्र पृथ्वी से ८०० योजन ऊपर जाकर है। १ लाख योजन व्यास वाले इस जम्बूद्वीप के भीतर १८० योजन एवं लवण समुद्र में ३३०-४८/६१ योजन, ऐसा ५१०-३८/६१ योजन प्रमाण गमन क्षेत्र है। इतने प्रमाण गमन क्षेत्र में १८४ गलियाँ हैं। इन गलियोें में दो-दो सूर्य क्रमश: एक-एक गली में संचार करते हैं दोनों सूर्य आमने-सामने रहते हुये १ दिन रात्रि में एक गली के भ्रमण को पूरा करते हैं।
इस ५१०-४८/६१ योजन प्रमाण गमन क्षेत्र में सूर्य बिम्ब की १-१ गली ४८/६१ योजन मात्र की है एवं एक गली से दूसरी गली का अंतर २-२ योजन का है।